मथुरा। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के सहायक अध्यापक भी अब प्रधानाचार्य बन सकेंगे। यह संभव हुआ है उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम में बदलाव से। अभी तक सिर्फ प्रवक्ता ही प्रधानाचार्य बन पाते थे। इस बदलाव से जिले करीब 800 सहायक अध्यापक लाभान्वित होंगे।
प्रदेश सरकार ने हाल ही में उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 की नियमावली के आधार पर प्रशिक्षित स्नातक वेतनमान के अध्यापकों को भी इंटर काॅलेज के प्रधानाचार्य पद के योग्य माना है। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई के प्रांतीय कोषाध्यक्ष अयोध्या प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि नियमावली के अनुसार, अब प्रधानाचार्य के लिए शैक्षिक योग्यता माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के समान ही होगी। अधिनियम 1921 के अनुसार, प्रशिक्षित स्नातकोत्तर उपाधि धारी कक्षा 9 से 12 तक के चार वर्ष के शिक्षण अनुभव वाला शिक्षक इंटर काॅलेज के प्रधानाचार्य पद हेतु अर्ह माना जाता है। ऐसे में अब सहायक अध्यापक भी इंटर काॅलेज के प्रधानाचार्य बन सकेंगे।