लखनऊ, विभाग के सभी चिकित्सा संस्थानों को एक इकाई मानते हुए शैक्षणिक पदों पर सीधी भर्ती पर आरक्षण लागू किए जाने का निर्णय लिया गया था। इस शासनादेश में राजकीय मेडिकल कॉलेजों को भी भूलवश शामिल कर लिया गया। इस कारण हर सरकारी मेडिकल कॉलेज अलग इकाई हो गया जबकि उनमें पहले से शैक्षणिक संवर्ग के पद राज्य स्तरीय संवर्ग के हैं।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा जारी इस शासनादेश में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। नये शासनादेश में विधायी अनुभाग द्वारा पांच मार्च 2021 को जारी उत्तर प्रदेश शैक्षिक संस्था (अध्यापक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम का भी हवाला दिया गया है। उस अधिनियम के अनुसार जिन सरकारी संस्थाओं में सरकार द्वारा राज्य स्तरीय संवर्ग सृजित किया गया हो, उन्हें एक संयुक्त इकाई माना गया है। राज्य सरकार के अधीन संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेज भी इसी श्रेणी में आते हैं।