प्रयागराज। हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद पात्रता नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने मामले में इलाहाबाद विवि के परास्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होने के दौरान किए गए बदलाव को मौजूदा अभ्यर्थी पर लागू करने को सही नहीं माना और विश्वविद्यालय को याची को 50 हजार रुपये मुआवजे के तौर पर देने का आदेश पारित किया। यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने अजय सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया। याची की ओर से कहा गया कि उसने वूमेन स्टडीज पीजी पाठ्यक्रम में
प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा पास की थी। याची को ओबीसी लिस्ट में टॉपर होने के बावजूद प्रवेश से इंकार कर दिया। विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया कि एकेडेमिक काउंसिल ने प्रवेश के नियमों में बदलाव कर दिया है। प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तिथि से पहले ही यह बदलाव किया गया और 29 जून 2022 को लागू कर दिया गया। इस आधार पर याची का प्रवेश निरस्त कर दिया गया। याची ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के आदेश को चुनौती दी।