स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का दिशा में केंद्र सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत स्कूलों में नौवीं से बारहवीं कक्षा तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी अब टीईटी (टीचर्स एलिजबिलिटी टेस्ट/ TET) देना होगा। जो अगले शैक्षणिक सत्र 2024-25 से प्रभावी होगी। अभी तक स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए ही टीईटी अनिवार्य थी। फिलहाल यह व्यवस्था केंद्रीय स्तर पर लागू होगी। जिसे राज्य भी अपना सकेंगे।
राष्ट्रीय सम्मेलन में किया गया एलान
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर सोमवार को आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में इसका ऐलान किया है। इस मौके पर परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सह ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था का ध्यान अंकों पर केंद्रित करने के बजाय छात्रों के विकास व संस्कारों पर होना चाहिए। जो तभी संभव है जब उन्हें पढ़ाने शिक्षकों में इसकी समझ होगी।
एनसीटीई की सचिव केसांग वाई शेरपा ने इस मौके पर स्कूलों में नौवीं से बारहवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से टीईटी आयोजित करने का जानकारी दी और बताया कि इस दिशा में तेजी से तैयारी चल रही है।
अभी सिर्फ पहली से आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों के लिए अनिवार्य थी टीईटी
अभी स्कूलों में नौवीं से बारहवीं कक्षा पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए यह अनिवार्य नहीं था। गौरतलब है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए उसमें पहली कक्षा से बारहवीं तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए पात्रता परीक्षा को अनिवार्य करने की सिफारिश की गई थी।