हमीरपुरः प्रेम प्रसंग में शिक्षामित्र को अगवा कर हत्या के मामले में समाजवादी पार्टी के लोकसभा क्षेत्र प्रभारी व दो चचेरे भाइयों को उम्रकैद की सुनाई गई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफटीसी द्वितीय) की अदालत ने शनिवार को तीनों पर दोष सिद्ध किया था। मंगलवार को अदालत ने सजा सुनाते हुए तीनों पर 60-60 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। यहां से तीन दोषियों को जिला कारागार ले जाया गया। इस प्रकरण में चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें एक आरोपित की मौत हो चुकी है।
सहायक अधिवक्ता जगदीश अनुरागी ने बताया कि सरसई गांव निवासी वादी रामसेवक ने कुरारा थाने में तहरीर दी थी। उन्होंने बताया था कि बेटा प्रमोद सरसई गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र था।
29 जून 2007 की रात वह घर के बाहर खलिहान में सो रहा था। पास में पड़ोस में रहने वाले चचेरे भाई महेंद्र व धर्मेंद्र सो रहे थे। देर रात गांव का ही रहने वाला दिनेश आया और प्रमोद को लेकर अपने घर चला गया। रात में मां रामबाई घर के बाहर पहुंची और बेटे प्रमोद के संबंध में पड़ोसी चचेरे भाइयों से पूछताछ की। उनसे जानकारी मिलने पर रामबाई दिनेश के घर पहुंची। जहां दिनेश अपने चचेरे
भाई प्रह्लाद के साथ प्रमोद को बाइक में बैठाकर कुरारा की तरफ ले जा रहा था। पीछे से दिनेश के भाई रमेश के साथ बाइक में पीछे बैठकर तत्कालीन ग्राम प्रधान व पूर्व सपा जिलाध्यक्ष और वर्तमान में सपा लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी राजबहादुर पाल जा रहा था। अगले दिन 30 जून को झलोखर गांव के चौकीदार शिवकुमार द्वारा झलोखर हार में प्रमोद का शव पेड़ पर फंदे से लटका मिलने की सूचना पुलिस को दी गई। पिता की तहरीर पर कुरारा थाना पुलिस ने राजबहादुर पाल, दिनेश, प्रह्लाद व रमेश के खिलाफ अपहरण कर हत्या करने का मुकदमा दर्ज किया। आरोपितों से पूछताछ व जांच में सामने आया कि दिनेश की पुत्री के साथ प्रेम प्रसंग होने के शक में प्रमोद की हत्या की गई। इसके बाद कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया।