लखनऊ। सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर खोलने वाले पटना के डॉ. शुभम मंडल को एसटीएफ ने शुक्रवार देर रात गहन पूछताछ के बाद मेरठ में गिरफ्तार कर लिया। उसने प्रयागराज निवासी राजीव नयन मिश्रा के इशारे पर अहमदाबाद में टीसी आई ट्रांसपोर्ट कंपनी के वेयरहाउस में रखे पेपर के बॉक्स को खोलकर फोटो खींची थी।
एसटीएफ की पूछताछ में डॉ. शुभम ने बताया कि वर्ष 2021 में न लंदा मेडिकल कॉलेज से ए बीबीएस करने के बाद वह संविदा पर पीएचसी बरारी, कटिहार में चिकित्सक नियुक्त हुआ था। उसके साथी बिट्टू ने पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है। वर्ष-2017 में वह और बिट्टू नौट का पेपर लीक करने के मामले में जेल गए थे। बिट्टू ने डॉ. शुभम को बताया था कि जिस बॉक्स में प्रतियोगी परीक्षा का पेपर रखा जाता है, उसे वह बड़ी सफाई से खोल देता है। बिट्टू ने उसकी मुलाकात अपने दोस्त नोएडा के रवि अत्री से कराई थी, जो प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक कराता था। जिसके बाद रवि और शुभम आपस में बात करते रहे
पटना से अहमदाबाद बुलाया
पांच लाख रुपये दिए हो गया। उसी दिन रवि अत्री ने पटना से अहमदाबाद
डॉ. शुभम को रवि अत्री ने फोन करके कहा था कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा च पेपर आने वाला है, जिसे आउट कराना है। बिट्टू से ट्रक बॉक्स खोलना सीख लो. आपको बहुत पैसा मिलेगा। 5 फरवरी को रवि अत्री ने डॉ. शुभम को फोन किया और बोला कि अहमदाबाद में एक पेपर आया है। जिसका सिर्फ पेपर बॉक्स खोलकर पेपर निकालना है, जिसके लिए 5 लाख रुपये दूंगा। इसके लिए यह तैयार की फ्लाइट का टिकट भेजकर शुभम को बुला लिया। अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उसे लेने के लिए रवि अत्री, अभिषेक शुक्ला, राजीव नयन मिश्रा आए। वहां से कार द्वारा टीसीआई कंपनी खेडा, अहमदाबाद रात्रि में 11:30 बजे पहुंचे, जहां टीसीआई कंपनी में काम करने वाले रोहित पांडेय, शिवम गिरि मौजूद थे। रवि अत्री के कहने पर राजीव नयन मिश्रा ने डॉ. शुभम को अपना मोबाइल दिया। शिवम और रोहित खिड़की से सीसीटीवी की नजर से बचाते हुए अंदर ले गए। वहां दो ट्रंक बॉक्स को शुभम ने पेचकश, प्लास व सूजे की मदद से पीछे से खोला और दो कोड का पेपर निकाल लिया। उसने दोनों कोड के पेपर की फोटो खींच ली। उसके बाद पेपर पुनः पैकेट में उसी स्थान पर रख दिया।