लखनऊ। निशुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों ने किसी तरह बच्चों के दाखिले तो ले लिए लेकिन परीक्षा के नाम पर शुल्क मांगा जा रहा है। निजी विद्यालयों के खिलाफ अभिभावकों ने बीएसए को पत्र लिखा है।
पारा स्थित हैदर कैनाल की निवासी रेखा ने बीएसए को पत्र लिखकर बताया कि पारा क्षेत्र के एक निजी स्कूल में मेरे बच्चे को तीसरी कक्षा में दाखिला मिला है। बिना जानकारी दिए उसे पांचवीं कक्षा में कर दिया गया और अब परीक्षा शुल्क मांगा जा रहा है। विद्यालय से इसकी वजह पूछे जाने पर शिक्षा विभाग का हवाला दिया जाता है।
पूर्वीखेड़ा की निवासी गोमती ने अपने बच्चे वीरू के दाखिले को लेकर बीएसए को पत्र
लिखा है। उधर मामले का संज्ञान लेते हुए आईटीई के नोडल अधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। इससे पहले बीएसए राम प्रवेश ने फीस प्रतिपूर्ति को लेकर सभी निजी विद्यालयों को दिशा निर्देश जारी कर एक सप्ताह में बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति की जानकारी मांगी है।
डीएम ने जारी किया नोटिस
जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने आरटीई योजना के तहत अध्ययनरत बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति को लेकर निजी विद्यालयों को नोटिस जारी किया है। कहा है कि आरटीई नियमों के तहत निजी विद्यालयों में बच्चों के दाखिले की वास्तविक रिपोर्ट तैयारी होगी। बच्चों के वास्तविक सत्यापन के लिए नियुक्त जांच अधिकारी का सहयोग न करने व दाखिले की वास्तविक जानकारी न देने पर विभागीय कार्रवाई होगी। साथ ही विद्यालयों को कोई फीस प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी।