आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की शिकायत में मामले की जांच करने के बाद अप्रैल 2021 की अपनी रिपोर्ट में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. लोकेश कुमार प्रजापति ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की अनदेखी मानी थी। रिपोर्ट के अनुसार ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित 18598 सीटों में से 5844 सीटें ऐसी थीं जो ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों की बजाय अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को दी गई और इस प्रकार ओबीसी उम्मीदवारों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ।
उसके बाद आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने आंदोलन छेड़ दिया। अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने भी 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षित वर्ग के अनदेखी का मुद्दा उठाया था। दबाव बढ़ने पर सरकार ने जनवरी 2022 के पहले सप्ताह में आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की अतिरिक्त सूची जारी की। हालांकि असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी। हाईकोर्ट ने मार्च 2022 में अपने आदेश में कहा था कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के अंकों और विवरण में कोई स्पष्टता नहीं है। इस मामले को लेकर अब तक कानूनी लड़ाई जारी है और सूची में शामिल आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थी आज भी ठोकरें खाने को विवश हैं।
प्रयागराज,। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षित वर्ग की अनदेखी पर विधानसभा चुनाव से पहले जारी 6800 शिक्षकों की चयन सूची का जिन्न लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ न्याय करने का अनुरोध किया है। नौ मार्च को भेजे पत्र में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए जवाबदेही सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। उम्मीदवारों की श्रेणीवार सूची, प्राप्त अंकों के विवरण के साथ घोषित करने की भी बात कही है।
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की शिकायत में मामले की जांच करने के बाद अप्रैल 2021 की अपनी रिपोर्ट में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. लोकेश कुमार प्रजापति ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की अनदेखी मानी थी। रिपोर्ट के अनुसार ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित 18598 सीटों में से 5844 सीटें ऐसी थीं जो ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों की बजाय अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को दी गई और इस प्रकार ओबीसी उम्मीदवारों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ।
उसके बाद आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने आंदोलन छेड़ दिया। अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने भी 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षित वर्ग के अनदेखी का मुद्दा उठाया था। दबाव बढ़ने पर सरकार ने जनवरी 2022 के पहले सप्ताह में आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की अतिरिक्त सूची जारी की। हालांकि असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी। हाईकोर्ट ने मार्च 2022 में अपने आदेश में कहा था कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के अंकों और विवरण में कोई स्पष्टता नहीं है। इस मामले को लेकर अब तक कानूनी लड़ाई जारी है और सूची में शामिल आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थी आज भी ठोकरें खाने को विवश हैं।