फर्रुखाबाद, परिषदीय विद्यालयों के सुधार और बच्चों की शिक्षा पर सरकार करोड़ों रुपए का बजट खर्च करती है। लेकिन परिषदीय स्कूलों के शिक्षक और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी मिलकर इसमें पलीता लगाते आ रहे हैं। स्कूलों का जब जिले के अन्य अधिकारी निरीक्षण करते है तो इसकी कलई खुलती नजर आती है।
परिषदीय स्कूलों का लगातार निरीक्षण किया जाया है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भी हर दिन स्कूल का निरीक्षण करते हैं। लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण कैसा होता है कि इनको सबकुछ ठीक ठाक ही मिलता है। लेकिन जब जिले के अन्य अधिकारी स्कूलों के निरीक्षण को पहुंचते है तो शिक्षक से लेकर प्रधानाध्यापक तक समय से स्कूल न पहुंचने की बात सामने आ जाती है। अन्य विभागों के अधिकारियों को तो बच्चों के खाने की गुणवत्ता और दूध आदि न दिए जाने की पोल खुलती नजर आती है। बीते दिनों राजेपुर ब्लाक के तीन विद्यालयों का नायब तहसीलदार ने निरीक्षण किया था जिसमे प्रधानाध्यापक अनुपस्थित पाए गए थे। अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नायब तहसीलदार की निरीक्षण आख्या के आधार पर प्राथमिक विद्यालय परतापुर के प्रधानाध्यापक का निरीक्षण दिवस का वेतन अवरुद्ध करते हुए तीन दिवस में जवाब मांगा गया है। प्राथमिक विद्यालय परतापुर में 118 बच्चो के सापेक्ष 59 बच्चे उपस्थित मिले। बच्चों को दूध नही दिया जाता और तहरी की गुणवत्ता अच्छी नहीं पाई गई थी विद्यालय में बहुत गंदगी पाई गई थी। यही हाल कंपोजिट विद्यालय लीलापुर का रहा। यहां पंजीकृत 305 बच्चों के सापेक्ष 182 बच्चे उपस्थित मिले। बच्चों को यहां भी दूध नही दिया जाता मिला और तहरी की गुणवत्ता खराब मिली। विद्यालय में गंदगी भी मिली थी। इसलिए यहां के प्रधानाध्यापक का निरीक्षण दिवस का वेतन रोकने की कर्रवाई की गई। प्राथमिक विद्यालय गुजरपुर गहलवार की भी स्थित खराब पाई गई। प्रधानाध्यापक को नोटिस जारी किया गया है।