प्रदेश के 1.14 लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के सवा करोड़ से अधिक छात्र-छात्राएं अब आयुर्वेद के प्रणेता चरक, खगोल विज्ञानी वराहमिहिर, जानकी अम्माल (विज्ञान के क्षेत्र में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला) जैसे वैज्ञानिकों और विदूषियों को भी पढ़ेंगे।
राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान एलनगंज के विशेषज्ञों ने कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए ‘हमारे महान वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ’ शीर्षक एक सप्लीमेंटरी पुस्तक तैयार की है जिसमें प्राचीन से लेकर आधुनिक काल तक के भारतीय वैज्ञानिकों और गणितज्ञों के बारे में जानने का मौका मिलेगा। इसमें भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. विक्रम साराभाई, होमी जहांगीर भाभा, डॉ. मेघनाद साहा, रसायन विज्ञान के क्षेत्र में शांति स्वरूप भटनागर, टीआर शेषाद्रि, गणित के क्षेत्र में बौधायन, चरक,वराहमिहिर, रामानुजन, सुश्रुत, इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एम. विश्वेश्वरैया, पक्षी विज्ञान के क्षेत्र में सालिम अली आदि जैसे प्रमुख प्राचीन व आधुनिक वैज्ञानिकों एवं गणितज्ञों सहित कुल 36 विभूतियों की महत्वपूर्ण उपलब्धियों एवं उनके योगदान से परिचित कराया गया है।
महर्षि चरक को आयुर्वेद का प्रणेता एवं सुश्रुत को प्लास्टिक सर्जरी का जनक माना जाता है।
भारतीय अंक पद्धति, दाशमिक स्थान प्रणाली, जोड़, घटाना, शून्य एवं अनंत की परिकल्पना निसंदेह भारतीय गणितज्ञों की महान देन है। वास्तव में ये वे वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने अपने चिंतन से सारे विश्व में भारत का नाम रोशन किया।
-अनिल भूषण चतुर्वेदी, निदेशक राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान