डब्ल्यूएचओ ने कहा, डेंगू महामारी फैलने के बढ़ते खतरे के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। इसमें सबसे बड़ा कारण एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर का बदला स्वरूप है। एंटीबायोटिक के अत्यधिक सेवन के बाद से मच्छरों ने भी खुद को दवाइयों के अनुकूल बना लिया है, जिससे मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। यह मच्छर साफ पानी में पैदा होता है। वहीं पिछले साल अल नीनो घटना और जलवायु परिवर्तन से बढ़ते तापमान व अधिक बारिश से भी इन मच्छरों की तादात बढ़ रही है। इसके अलावा कोविड महामारी के आने के बाद लोगों की प्रतिरक्षा प्रणालियां कमजोर हो गई हैं।
जिनेवा, एजेंसी। भारत समेत दुनिया के कई देशों में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि वैश्विक स्तर पर 3.9 अरब लोगों को डेंगू वायरस का खतरा है। इसका अर्थ है कि दुनिया की आधी आबादी इसकी चपेट में आ सकती है। यह संक्रमण गंभीर से अति गंभीर होता जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले साल डेंगू से 7300 से अधिक मौतें हुईं और 65 लाख से अधिक मामले सामने आए। मौत और मामलों की यह संख्या उन 80 देशों की है, जिन्हें संगठन ने अधिक प्रभावित देश घोषित कर रखा है। हालांकि, डेंगू का प्रकोप अफ्रीका, अमेरिका, दक्षिण-पूर्व एशिया समेत 100 से अधिक देश गंभीर रूप से प्रभावित हैं। डेंगू अब यूरोप, पूर्वी भूमध्यसागरीय और अमेरिका के नए क्षेत्रों में पैर पसारने लगा है।
यह हैं लक्षण
इसमें तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द, उल्टी करना, सूजन ग्रंथियां, बैचेनी और बहुत प्यास लगना आदि। गंभीर मामलों में मौत का खतरा रहता है। डेंगू के लिए कोई विशष्ट उपचार नहीं है।
क्या है वायरस
यह एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से इंसानों में फैलता है। यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में पाया जाता है, यानी शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इनका निवास रहता है।
भारत में हर दिन छह सौ मामले
पिछले साल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एक साल में हर दिन औसतन 600 से अधिक मामले डेंगू के सामने आए। देश के सभी राज्यों में कुल मामलों की संख्या करीब ढाई लाख थी। 1996 में पहले बड़े प्रकोप के बाद से भारत में डेंगू का प्रसार 1312 फीसदी अधिक बढ़ा है।