इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद कानपुर से सेवानिवृत्त मंडी निरीक्षक की ग्रेच्युटी एवं बकाया वेतन का भुगतान रोकने संबंधी उप निदेशक (प्रशासन एवं वितरण) का 13 मार्च 2020 का आदेश रद कर दिया है। इसके साथ सेवानिवृत्ति तिथि से भुगतान करने तक छह प्रतिशत ब्याज सहित बकाये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने
कहा है कि विभाग को वित्तीय हानि के आधार पर बिना दोषी करार दिए किसी सरकारी कर्मचारी की ग्रेच्युटी या बकाया वेतन भुगतान नहीं रोका जा सकता। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने राजपाल सिंह सेंगर की याचिका स्वीकार कर यह आदेश दिया है। अधिवक्ता आशीष कुमार ने बहस की और कहा कि याची के खिलाफ सेवाकाल में कोई विभागीय जांच नहीं की गई और दर्ज प्राथमिकी पर
अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। याची को कदाचार का दोषी नहीं ठहराया गया है। इसके बावजूद सेवानिवृत्ति के बाद विभागीय जांच का आदेश देकर सचिव मंडी परिषद ने 1,33,000 वेतन व 1,42,000 रुपये ग्रेच्युटी का भुगतान रोक लिया है। कोर्ट ने रिपोर्ट को विभागीय जांच नहीं माना और उप निदेशक राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के आदेश को रद कर दिया।