कोरोना काल में लॉकडाउन की चुनौतियों से उपजी डिजिटल तकनीक की शिक्षा जगत में परिषदीय विद्यालय के बच्चों के लिए भी फायदे का सबब बन चली है। बेसिक स्कूलों में भी बच्चे अब ऑफलाइन पढ़ाई-लिखाई के साथ ऑनलाइन शिक्षा से जुड़ रहे हैं। जिले के 1009 बेसिक स्कूलों के पहली से तीसरी तक की कक्षाओं में तीन-तीन व्हाट्सएप ग्रुप संचालित किए जा रहे हैं।
इसके जरिये बच्चों और अभिभावकों को सीधे पठन-पाठन से जोड़ा गया है। इनसे करीब 18 हजार अभिभावक जुड़े हैं। व्यापक पैमाने पर व्हाट्सएप ग्रुप का संचालन करने की जिम्मेदारी प्रदेश स्तर पर काम करने वाली एक एजेंसी को दी गई है। वाराणसी जिले के 1145 परिषदीय विद्यालयों में दो लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं।
लॉकडाउन के दौरान कक्षाओं की पढ़ाई प्रभावित हुई तो पूरा सिस्टम ऑनलाइन मोड की तरफ अग्रसर हुआ। इस बीच छात्र-छात्राओं के अभिभावकों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर बच्चों को पढ़ाया जाने लगा। हालांकि इसमें कई तरह की बाधाएं आने लगीं। तकनीक के जरिये ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंच बनाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन व्यवस्था को सुदृढ़ करने की योजना बनाई और रॉकेट लर्निंग नाम की एक ऑर्गनाइजेशन को इसके संचालन का जिम्मा दिया गया।
मौजूदा समय में जिले के कुल 1009 स्कूलों में पहली से तीसरी तक की हर कक्षा में अभिभावकों के तीन-तीन ग्रुप संचालित किए जा रहे हैं। इन ग्रुपों में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद, गीत-संगीत, कहानियां, फन गेम आदि के जरिये बच्चों को पढ़ाई से जोड़ा जाता है। छुट्टियों में भी इसी ग्रुप पर बच्चों को पढ़ाकर अभिभावकों से फीडबैक लिया जाएगा। संगठन की प्रोग्राम मैनेजर मंजू के मुताबिक व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिये अभिभावकों को बच्चों के समग्र विकास के प्रति समय-समय पर जागरूक किया जा रहा है। अच्छा करने वाले अभिभावकों और हर ब्लॉक से दो-दो शिक्षकों को सर्टिफिकेट भी दिया जाता है।
क्या बोले अधिकारी
जिले के बेसिक स्कूलों में तीन हजार से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप चल रहे हैं, जिनके माध्यम से बच्चों और उनके अभिभावकों का बच्चों के चहुंमुखी विकास के प्रति जागरूक किया जाता है। इससे बच्चों को काफी फायदा हो रहा है। – डॉ. अरविंद पाठक, बीएसए