प्रयागराज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर कानपुर नगर को छात्र के महिला अध्यापिका की फेक आइडी से इंटरनेट (सोशल) मीडिया एकाउंट बनाने के मामले की विवेचना साइबर सेल से करा कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने शिकायतकर्ता को मूल मोबाइल फोन पुलिस को सौंपने का भी आदेश दिया है और सरकार से याचिका पर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। यह भी कहा है कि शिक्षिका का उत्पीड़न नहीं किया जाए। न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान तथा न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि साइबर सेल इसकी जांच करे कि क्या छात्र ने शिक्षिका के मोबाइल नंबर से फेक आईडी बनाई थी। याची का कहना है कि वह कानपुर के एक प्रतिष्ठित स्कूल की प्रिंसिपल है। शिकायतकर्ता का बेटा दसवीं का छात्र है। उसने (शिकायतकर्ता ने) 156(3) के तहत प्राथमिकी लिखाई कि स्कूल की शिक्षिका छात्र पर यौन संबंध बनाने और धर्म परिवर्तन करने का दबाव डाल रही है। बेटे के मोबाइल फोन को चेक करते समय उसे इसकी जानकारी हुई। आरोपियों ने बाद में चैट को इंटरनेट मीडिया में वायरल कर दिया और कुछ न्यूज चैनलों में भी इसे दिखाया गया। इस संबंध में बाल कल्याण समिति से भी शिकायत की गई