प्रयागराज, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) भर्ती परीक्षा का पेपर प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स विंग इंटर कॉलेज के अलावा भोपाल स्थित प्रिंटिंग प्रेस से भी लीक हुआ था। एसटीएफ ने रविवार को पेपर लीक मामले में फरार सुभाष प्रकाश समेत छह आरोपियों को मिंटो पार्क कीडगंज से गिरफ्तार किया। इनके पास से छह मोबाइल, एक लैपटॉप, प्रमाण पत्र और छह ब्लैंक चेक बरामद हुए हैं।
लखनऊ एसटीएफ ने बताया कि पेपर लीक प्रकरण में पकड़े गए राजीव नयन मिश्र के साथी सुभाष प्रकाश की तलाश की जा रही थी। एसटीएफ ने मधुबनी बिहार के सुभाष प्रकाश, प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी भोपाल के सुनील रघुवंशी, फतेहपुर, गया बिहार के अमरजीत शर्मा, बलिया के विवेक उपाध्याय और प्रयागराज के करछना के संदीप पांडेय व मेजा के विशाल दुबे को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ ने बताया कि पूर्व में पकड़ा गया मेजा का राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे एवं सुनील रघुवंशी अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़े थे। राजीव नयन ने दोस्तों की मदद से प्रिंटिंग प्रेस के इंजीनियर सुनील रघुवंशी को सेट करके पेपर आउट कराया।
बड़ा सवाल! कैसे पता चला प्रिंट हो रहा पेपर
प्रयागराज। भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले इंजीनियर सुनील रघुवंशी पर आरोप है कि उसने प्रिंटिंग प्रेस से आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया। उसी ने प्रिंटिंग प्रेस से बाहर लाकर अपने साथियों को प्रश्न पत्र व्हाट्सएप किया था। अब सवाल यह है कि इन शातिरों को कैसे पता चला कि भोपाल (मध्य प्रदेश) के प्रेस में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की ओर से आयोजित समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्रों की प्रिंटिंग हो रही है। क्योंकि प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले इंजीनियर को इसकी जानकारी नहीं दी जाती कि क्या प्रिंट हो रहा है या होने वाला है। सवाल उठना स्वभाविक है कि क्या इस खेल में भी लोकसेवा आयोग के किसी कर्मचारी की मिलीभगत थी। कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी कर्मचारी या अधिकारी से ही शातिरों को प्रिंटिंग की जानकारी मिली थी। बोतल से निकाला पेपर P10