मेरठ, बेसिक शिक्षा के स्कूलों में जहां छात्र संख्या बढ़ाने के लिए शासन ने हर स्तर पर प्रयास किए हुए हैं, वहीं कम नामांकन को लेकर भी शासन ने सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। कम व शून्य नामांकन वाले स्कूलों से लगातार स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। वहीं मेरठ मंडल में दो ऐसे स्कूल सामने आए हैं, जिनके बंद होने की नौबत आ गई है। हालांकि मंडल स्तर पर उनकी जांच के लिए बीएसए को लिखा गया है।
मेरठ मंडल में गाजियाबाद के दो स्कूलों में कम नामांकन व बच्चों की शून्य संख्या से हड़कंप मचा है। हैरान कर देने वाली बात है कि गाजियाबाद के प्राथमिक विद्यालय चित्तौड़ा ब्लाक रजापुरा में दो साल से एक भी बच्चे का नामांकन नहीं हुआ, जबकि वहां दो शिक्षक व एक शिक्षा मित्र तैनात रहे। इसी तरह से लोनी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सुंगरपुर में सात बच्चे दो साल से नामांकित हैं, हालांकि वह भी स्कूल नहीं आ रहे। इस स्कूल में भी दो शिक्षक व एक शिक्षामित्र है। दोनों विद्यालयों में सख्ती करते हुए शिक्षकों को दूसरी जगह स्थानान्तरित करने की तैयारी है। इस मामले में दोनों शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि इस तरह की स्थिति से अवगत क्यों नहीं कराया गया। इस मामले में ऐडी बेसिक दिनेश कुमार का कहना है कि वहां के संबंधित बेसिक शिक्षा अधिकारी को लिख दिया गया है और जांच के लिए भी आदेशित किया है।
मेरठ में भी 50 से कम नामांकन पर मांगा जवाब
मेरठ जनपद में भी 351 स्कूलों में कम नामांकन को लेकर जवाब मांगा गया है। स्कूलों में 50 से कम नामांकन होने के कारण स्कूलों के प्रधान अध्यापकों को स्पष्टीकरण देने को कहा है। हालांकि अभी नामांकन जारी है, लेकिन मई माह में इन स्कूलों के कुछ ब्लाकों में नामांकन की स्थिति बहुत खराब है। मवाना में जेएन एचएस ढिकौली में 6, मेरठ नगर पीपी साबुन गोदाम 8, मेरठ नगर पीपी मोरीपाड़ा 9, मेरठ नगर पीपी जी सरायलाल दास 6, पीपी ठठेरवाड़ा 6, पीपी जयदेवी नगर 6, माछरा पीपी इंद्रापुरा 6 और मवाना पीपी बुनियाद पुरा में केवल एक ही नामांकन है।