नई दिल्ली, एजेंसी। सरकारी कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए लाई गई राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में बड़ा बदलाव हो सकता है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार एनपीएस में सुनिश्चित पेंशन सीमा लागू कर सकती है। इसके तहत कर्मचारियों के अंतिम वेतन पर 45 से 50 फीसदी पेंशन देने का प्रस्ताव रखा गया है। माना जा रहा है कि 23 जुलाई को पेश होने वाले
बजट में इसका ऐलान हो सकता है। गौरतलब है कि पिछले साल सरकार ने नई पेंशन स्कीम की समीक्षा करने की बात कही थी और इसके लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। इसका मकसद पुरानी पेंशन व्यवस्था पर वापस लौटे बिना एनपीएस में सुधार के तरीकों का पता लगाना था। समिति को इस बात का अध्ययन करना था कि क्या सरकारी
कर्मचारियों के पेंशन के मौजूदा ढांचे में बदलाव किए जाने की दरकार है। साथ ही लाभ में और सुधार किए जाने को लेकर सुझाव देने थे। समिति ने हाल ही में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपी थीं। सरकार समिति की मसौदा रिपोर्ट को इस बजट में लागू कर सकती है। पिछले दिसंबर में वित्त मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया था कि सरकार पुरानी पेंशन योजना की तरफ नहीं लौटेगी।
पुरानी पेंशन बड़ा मुद्दा : गौरतलब है कि सरकारी कर्माचरी पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने की मांग लगातार उठाते आ रहे हैं और यह राजनीतिक स्तर पर भी मुद्दा पूरी तरह हावी है। कई राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था फिर से लागू की गई है। इसको देखते हुए अन्य राज्यों और केंद्रीय कर्मचारी भी पुरानी पेंशन लागू करने की मांग कर रहे हैं।
कितना फायदा होगा बताया जा रहा है कि प्रस्तावित मसौदे में
सरकार किसी कर्मचारी के अंतिम वेतन का न्यूनतम 45 से 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन राशि देने की घोषणा कर सकती है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी का वेतन 50,000 रुपये महीना है तो अंतिम वेतन पर सेवानिवृत्त होने पर 20 से 25 हजार रुपये पेंशन के रूप में दिए जाएंगे। यदि पेंशन आधार राशि से कम है तो सरकार को इस कमी को अपनी तरफ से पूरा करेगी।