साल के इंतजार के बाद अंतरजनपदीय म्यूचुअल तबादले तो हो गए लेकिन अब शिक्षक अपने वेतन के लिए परेशान हैं। तबालों को एक महीना हो गया लेकिन जिस जिले से आए थे, वहां से उनकी आईडी मानव सम्पदा पोर्टल पर ट्रांसफर नहीं हुई है। वे अपनी अटेंडेंस लगा रहे हैं लेकिन ब्लॉक स्तर से वह लॉक नहीं हो रही। ऐसे में उनको इस महीने का वेतन मिलना मुश्किल होगा।
डेढ़ साल चली प्रक्रिया के बाद 19 जून को शिक्षकों के अंतरजनपदीय म्यूचुअल तबादलों की लिस्ट जारी हुई थी। इसमें प्रदेश के करीब 2700 शिक्षकों का तबादला हुआ था। उन्होंने नए जिले में आवंटित ब्लॉक के स्कूल में जॉइन भी कर लिया। इसके बाद जहां से उनका तबादला हुआ है, वहां से उनका लास्ट पे सर्टिफिकेट (LPC) जारी होना था। कुछ
जिलों ने LPC जारी कर दिया लेकिन कई जिले ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक जारी नहीं किया। उसी आधार पर शिक्षकों का आगे का वेतन नए जिले में लगेगा। जहां LPC जारी हो गया है, वहां अभी आईडी ट्रांसफर नहीं हुई है। इस आईडी से ही शिक्षकों को अपनी अटेंडेंस लॉक करनी होती है। उसके बाद स्कूल के हेड टीचर को सभी शिक्षकों की अटेंडेंस लॉक का व्योरा सबमिट करना होगा। अटेंडेंस स्कूल स्तर से लॉक करने के बावजूद ज्यादातर जिलों में ब्लॉक स्तर
से अटेंडेंस लॉक नहीं हो रही। इसकी वजह आईडी ट्रांसफर न होना है।
वेतन आदेश भी जारी नहीं
बाराबंकी से माल ब्लॉक में ट्रांसफर होकर आए शिक्षक निर्भय सिंह ने बताया कि उन्होंने भी अपनी अब तक की अटेंडेंस लॉक की है, लेकिन ब्लॉक स्तर से लॉक नहीं हो रही। ऐसी ही समस्या कई और शिक्षकों की भी है। आईडी ट्रांसफर होने के बाद ही बीएसए वेतन के आदेश
जारी करेंगे। अभी तक एक-दो जिलों को छोड़कर बाकी ने वेतन आदेश जारी नहीं किए हैं। इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते है कि जब पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है तो इसमें वक्त लगना ही नहीं चाहिए। शिक्षकों से अधिकारी हर काम समय पर चाहते हैं लेकिन खुद शिक्षकों के काम लटकाए रहते हैं।
इतनी बड़ी प्रक्रिया में कुछ वक्त तो लगता है। कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से ऐसा हो सकता है। जल्द दुरुस्त करवाया जाएगा। कोशिश होगी किसी का वेतन न रुके।