लखनऊ। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों से हटाए गए तदर्थ शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बृहस्पतिवार से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे शिक्षकों ने कहा कि वे विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों का विरोध करेंगे।
शिक्षकों ने कहा कि वे 25-30 साल तक पूरे वेतन पर काम कर रहे थे। अब उन्हें आंशिक मानदेय पर रखने की व्यवस्था उनका शोषण व अपमान है। तीन साल से भाजपा के किसी नेता का दरवाजा नहीं बचा, जहां हमने अपना सिर न झुकाया हो, लेकिन नेताओं और सरकार ने हमारी नहीं सुनी। माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति के प्रदेश महामंत्री सुशील शुक्ला ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों का धैर्य अब टूट चुका है। अब हमने भाजपा के खिलाफ शंखनाद कर दिया है। अब विधानसभा उपचुनाव में सभी दस सीटों पर इनको हार का सामना करना पड़ेगा। प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने व पूर्व का वेतन जारी करने की मांग की