कर छूट और रिफंड का फर्जी दावा भारी पड़ेगा: आयकर रिटर्न दाखिल करते वक्त तरह-तरह के फर्जीवाड़े कर रहे कई करदाता, विभाग ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी जारी की

Basic Wale news

नई दिल्ली। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में अर्जित आय के लिए करीब छह करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत रिटर्न नई कर व्यवस्था के तहत दाखिल किए गए हैं। मल्होत्रा ने कहा कि इस बात को लेकर आशंकाएं जताई जा रही थीं कि लोग सरलीकृत नई कर व्यवस्था को अपनाएंगे या नहीं। पिछले वित्त वर्ष के लिए 70 प्रतिशत रिटर्न नए आयकर व्यवस्था के तहत दाखिल किए गए हैं।

गलत दावों पर 200 फीसदी तक जुर्माना

विभाग के अनुसार, गलत कर छूट दावे अथवा रिफंड का झूठा क्लेम पकड़ जाने पर 200 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है और जेल भी हो सकती है। अगर आपका दावा सही है तो निवेश के सभी सर्टिफिकेट जैसे एनपीएस, पीपीएफ, टैक्स सेविंग एफडी, बीमा प्रीमियम, होम लोन ब्याज और अन्य खर्चों व दान से जुड़े कागज तैयार रखें।

दान की फर्जी रसीद से भी हेरफेर की कोशिश

मकान किराए की फर्जी रसीद लगाना

1. शक्षा लोन इसके नाम पर धारा 80 ईई में छूट बड़े पैमाने पर ली जा रही है। करदाता को इस छूट से अपनी आय को कम करके दिखाने में मदद मिलती है।

2. ट्यूशन फीस धारा 80 सी में डेढ़ लाख रुपये तक की छूट ली जा सकती है। लोग स्कूल की पूरी फीस को ही इस कॉलम में दिखा कर अपना फायदा कर रहे हैं।

3. बीमारी परिवार के बुजुर्गों की बीमारी के नाम पर धारा 80डीडीबी के तहत छूट ली जा रही है। इसमें करदाता 40 हजार रुपये तक कर छूट का दावा कर सकते हैं।

4. एलटीए अवकाश यात्रा भत्ता (एलटीए), अन्य भत्तों और रिम्बर्समेंट के फर्जी बिल देकर भी कर छूट पाने के मामले आ रहे हैं। एलटीए पर 30 हजार रुपये तक की छूट मिलती है।

नई दिल्ली/आगरा, हिन्दुस्तान ब्यूरो। अगर किसी करदाता ने कर छूट या रिफंड पाने के लिए आयकर रिटर्न में फर्जी अथवा बढ़ा-चढ़ाकर दावे किए हैं तो उसके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। आयकर विभाग का कहना है कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें करदाताओं ने ऐसे कारनामे किए हैं। विभाग ने चेताया है कि ऐसा करना दंडनीय अपराध है और करदाताओं को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

सही होना चाहिए छूट का दावा आयकर विभाग ने करदाताओं को सलाह दी है कि आईटीआर फॉर्म में जो कर छूट/कटौती या रिफंड का दावा दावा किया जा रहा है, वह वास्तविक होना चाहिए। साथ ही इनका प्रमाणिक दस्तावेज भी करदाता के पास जरूर होने चाहिए।

विभाग जांच के दौरान कभी भी इनकी मांग कर सकता है। अगर दावा फर्जी निकलता है तो इस कदम को कर चोरी में शामिल किया जा सकता है। कर चोरी की प्रकृति और गंभीरता के आधार पर करदाता के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

इन मामलों में सर्वाधिक फर्जी दान रसीद एनजीओ और धार्मिक संस्थाओं के नाम पर दिखाई जाती है। विभाग ने इसी साल अप्रैल में 8,000 लोगों को नोटिस जारी किए किए थे। केवल विशिष्ट आईडी वाले धार्मिक ट्रस्ट और एनजीओ को किया गया दान ही धारा-80जी के तहत कटौती का पात्र है।

कई करदाता एचआरए के तहत कर छूट पाने के लिए मकान किराए की फर्जी रसीद लगा रहे हैं। नियमों के मुताबिक, एक लाख रुपये से अधिक का एचआरए क्लेम करते वक्त मकान मालिक का पैन कार्ड देना अनिवार्य है। विभाग मकान मालिक के आईटीआर से इसका मिलान करता है।

खर्च राशि को बढ़ा-चढ़ाकर बताना

कुल वार्षिक आय को कम बताना

यहां नोटिस आना संभव

एआईएस की नजर से बचना नामुमकिन

नई कर व्यवस्था में 70 प्रतिशत रिटर्न दाखिल

1. एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से ज्यादा की एफडी

2. एक वित्तीय वर्ष में एक या अलग खातों में 10 लाख रुपये जमा कराना

3. 30 लाख या उससे ज्यादा की अचल संपत्ति खरीदने पर संपत्ति विभाग आयकर विभाग की सूचना

4. एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख या उससे ज्यादा के म्यूचुअल फंड्स, डिबेंचर्स और बॉन्ड खरीदना