दो विश्वविद्यालयों से एक साथ ले सकेंगे दो डिग्री

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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के छात्र अब एक साथ दो अलग-अलग विश्वविद्यालयों से दो कोर्सों की डिग्री ले सकेंगे। यानि कोई छात्र मुक्त विश्वविद्यालय से बीए या कोई अन्य स्नातक पाठ्यक्रम करने के साथ ही किसी दूसरे विश्वविद्यालय (उदाहरण के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय या प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भय्या राज्य विश्वविद्यालय) से बीकॉम या कोई दूसरा पाठ्यक्रम कर सकेगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) के अनुपालन में मुक्त विश्वविद्यालय ने छात्रहित में बड़ा निर्णय लिया है। 2024-25 सत्र से ही यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। मुक्त विवि के कुलपति प्रो. सत्यकाम ने बताया कि विश्वविद्यालय में संचालित होने वाले सभी पाठ्यक्रमों में एनईपी लागू कर दिया गया है। इसी के साथ मुक्त विश्वविद्यालय ने एक साथ दो डिग्रियां अलग-अलग संस्थानों से लेने की भी सुविधा शुरू की है। इस व्यवस्था के जरिए एक ही समय में एक कोर्स दूरस्थ शिक्षा तो दूसरा नियमित किया जा सकता है। यह दोनों डिग्री वैधानिक होगी। प्रो. सत्यकाम ने बताया कि इससे पहले विश्वविद्यालय में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की अनुमति थी। अगर छात्र नियमति विश्वविद्यालय से डिग्री कोर्स कर रहा है तो इसी के साथ दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से डिप्लोमा कर सकता था।

13 सौ अध्ययन केंद्रों पर लिया जाएगा प्रवेश

मुक्त विवि के मुख्य परिसर समेत उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्रीय केंद्रों (प्रयागराज, लखनऊ, बरेली, आगरा, मेरठ, कानपुर, झांसी, नोएडा, आजमगढ़, गोरखपुर, अयोध्या) से संबद्ध कुल 1300 अध्ययन केंद्र संचालित किए जाते हैं। इन केंद्रों पर डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट के अलावा जागरूकता पाठ्यक्रमों में प्रवेश होते हैं।

डिजिटल पाठ्य सामग्री लेने पर 15 फीसदी कम शुल्क

कुलपति प्रो. सत्यकाम ने बताया कि सत्र 2024-25 में डिजिटल पाठ्य सामग्री लेने वाले छात्रों को प्रवेश शुल्क में 15 की एकमुश्त छूट प्रदान की जाएगी। पहली बार समर्थ पोर्टल से प्रवेश शुरू किया गया है और इस बार प्रथम वर्ष में एक लाख शिक्षार्थियों के प्रवेश का लक्ष्य तय किया गया है।

पत्राचार संस्थान में राज्य मुक्त विद्यालय परिषद

प्रयागराज। मनोविज्ञानशाला परिसर स्थित पत्राचार संस्थान में उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद (एसओएस) बनेगा। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) की तर्ज पर एसओएस के गठन से 10वीं-12वीं की पढ़ाई छोड़ने वाले अपना कोर्स पूरा कर सकेंगे। अब इसके संचालन का रास्ता साफ हो गया है