परिषदीय उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में कार्यरत 25223 अंशकालिक अनुदेशकों के नियमितीकरण की मांग पर एक बार फिर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन का मरहम लगा दिया है। सात अगस्त को लखनऊ में हुई उच्च स्तरीय बैठक में अनुदेशकों के प्रतिनिधियों ने मांग रखी थी कि अनुदेशक 2013 से लगातार अध्यापनरत हैं और अधिकांश की आयु 40 साल पार कर गई है।
रोजी-रोटी का कोई विकल्प नहीं है इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार नियमित किया जाए। नौ अगस्त को जारी बैठक के मिनट्स के अनुसार अधिकारियों का कहना है कि यह नीति विषयक मांग है जिस पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा। प्रति माह नौ हजार रुपये मानदेय पर कार्यरत अनुदेशकों ने नियमितीकरण होने तक 11 महीने की बजाय 12 महीने समान कार्य के लिए समान वेतन लागू करने का अनुरोध किया। इस पर भी अधिकारियों ने मानदेय वृद्धि और 12 महीने के मानदेय पर विचार-विमर्श के बाद निर्णय लेने का भरोसा दिलाया। नवीनीकरण में शोषण के आरोपों पर समय से नवीनीकरण करने और स्वत नवीनीकरण के लिए अन्य विभागों में विद्यमान व्यवस्था का परीक्षण कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। अनुदेशकों को आयुष्मान योजना में शामिल करने, ईपीएफ की गारंटी देने और स्कूलों में न्यूनतम 100 छात्रों की शर्त में छूट और अवकाश संबंधी मांग पर विचार करने का भरोसा दिलाया है।