जौनपुर। रुद्र प्रताप सिंह शहर से लेकर गांव के एक-एक घर के बच्चों तक शिक्षा की किरण पहुंचे इसके लिए सरकार नित नए प्रयोग कर रही है। खेल-खेल में शिक्षा प्रदान करने के लिए एक नयी योजना आयी है। जिसमें विद्यालय में चार कोने तैयार कर ऐसी सामाग्री रखी जाएगी जिससे बच्चे खेलेंगे और ककहरा का ज्ञान भी ले सकेंगे। जौनपुर में 219 को-लोकेटेड विद्यालयों का चयन इसके लिए करते हुए सरकार ने बजट एलाट कर दिया है।
219 परिषदीय प्री-प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई अब और भी मजेदार होने जा रही है। इन स्कूलों में चार लर्निंग कॉर्नर बनाए जाएंगे जहां बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई कर सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य बच्चों के व्यक्तित्व का बेहतर ढंग से विकास करना है। कक्षा में चारों कोने ऐसे होंगे जिनसे वह दैनिक दिनचर्या, फल, फूल व सब्जियों के नाम और अक्षर ज्ञान सीख सकेंगे। प्रत्येक विद्यालय को इसके लिए सामग्री खरीदने को आठ हजार 110 रुपये की धनराशि दी जाएगी। सरकार की मंशा है कि निजी स्कूलों की तर्ज पर मनोरंजक ढंग से पढ़ाई कराई जाए।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि प्री-प्राइमरी स्कूलों में जल्द चार लर्निंग कार्नर (सीखने वाले कोने) तैयार किए जाएं।
जौनपुर में 219 विद्यालय चयनित किए गए हैं। शीघ्र ही पैसा विद्यालय के खातों में भेजा जाएगा।
डा. गोरखनाथ पटेल, बीएसए जौनपुर
को-लोकेटेड का मतलब
ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र जो परिषदीय विद्यालय के कैम्पस में हो। इस तरह से जौनपुर में कुल 1572 केन्द्र हैं, जिसमें से 219 का चयन किया गया है। किसी ब्लाक से पांच तो किसी से छह विद्यालय को चुना गया है। चार कोने का मतलब कि कैम्पस में एक स्थान पर बच्चों के खेलने वाली चीजे रहेंगी। एक कोने पर किताबें होंगी। एक कोने में हाथ से तैयार टीएलएम होगा और एक कोने पर फल व सब्जी के खिलौने होंगे। जिससे कि बच्चों को बताया जा सके कि ए फार एप्पल, एप्पल माने सेब।
छुट्टियों के कारण विद्यालयों को पैसा नहीं जा सका है। दो दिन के अंदर सभी विद्यालयों में पैसा पहुंच जाएगा। जिससे की सामान खरीदकर आंगनबाड़ी व परिषदीय विद्यालय के बच्चों का अधिगम स्तर और ऊंचा किया जा सके।