लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्री-प्राइमरी से कक्षा दो तक के विद्यार्थियों को निपुण बनाने की मुहिम की अब थर्ड पार्टी जांच कराई जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन (सीएसएफ)
संस्था के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया है। यह संस्था स्कूलों में चल रहे अभियान की हकीकत की जांच करेगी और
इसके विशेषज्ञ शिक्षकों को जरूरी सहयोग देंगे। निपुण भारत मिशन के तहत वर्ष 2026-27 तक प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा दो तक के छात्रों को गणित व भाषा में दक्ष बनाया जाना है।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि सीएसएफ संस्था के साथ समन्वय कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (जांच) कराएं। पहले चरण में यह संस्था सीतापुर, गोरखपुर व अलीगढ़ के सभी विकासखंडों के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों का मूल्यांकन करेगी। विद्यार्थियों को गिनती व अक्षर ज्ञान है या नहीं और विद्यालय में निपुण भारत मिशन ढंग से चलाया जा रहा है या नहीं, इसकी विस्तृत रिपोर्ट राज्य परियोजना कार्यालय को संस्था देगी। संस्था के प्रतिनिधि यह देखेंगे कि इस मिशन के लिए भेजी गई शिक्षण सामग्री का शिक्षक प्रयोग कर रहे हैं या नहीं। अगर वे ढंग से इसका प्रयोग नहीं कर रहे हैं तो शिक्षकों को यह समझाएंगे कि किस तरह इसका उपयोग किया जाना है। निपुण भारत मिशन के तहत ऐसे विद्यालय जिनमें न्यूनतम 80 प्रतिशत छात्र गणित व भाषा में दक्ष होंगे, उन्हें निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा। अच्छा कार्य करने वाले विद्यालयों को पुरस्कृत किया जाएगा। विद्यालय को 25 हजार रुपये का पुरस्कार मिलेगा