प्रदेश के 2200 से अधिक राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड (प्रशिक्षित स्नातक या सहायक अध्यापक) और प्रवक्ता भर्ती की नियमावली दो साल में अपडेट नहीं हो सकी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से भेजी गई नियमावली के कई बिन्दुओं पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आपत्ति करते हुए संशोधन के लिए वापस भेज दिया है। साफ है कि वर्तमान परिस्थितियों में अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।
आयोग ने राजकीय विद्यालयों में 15 मार्च 2018 को 10,768 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती शुरू की थी, लेकिन उसमें अर्हता को लेकर कई विवाद हो गए थे। उसके बाद 22 दिसंबर 2020 को प्रवक्ता के 1473 पदों पर चयन प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें भी अर्हता संबंधी विसंगतियां सामने आई थीं। इसके मद्देनजर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने नियमावली संशोधन की कवायद शुरू की। अर्हता संबंधी विवाद समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइड लाइन लागू करने के लिए अगस्त 2022 में शासन स्तर पर उच्च स्तरीय बैठक हुई।
हालांकि उसमें किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका। उसके बाद अर्हता निर्धारण के लिए 22 नवंबर 2022 को हाई पावर अंतर विभागीय कमेटी गठित की गई जिसमें उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उच्च शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसर शामिल थे। तमाम कोशिशों के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से 26 जून 2024 को एलटी और प्रवक्ता भर्ती की नियमावली अनुमोदन के लिए आयोग को भेजी गई। जिस पर आयोग के संयुक्त सचिव लखन लाल शिवहरे की ओर से आपत्ति भेजी गई है।