प्रयागराज यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा के लिए छात्र-छात्राओं के विषयवार आंतरिक मूल्यांकन में विद्यालय व शिक्षकवार अलग- अलग व्यवस्था नहीं चलेगी।
शैक्षिक सत्र 2025-2026 से विषयवार परीक्षार्थियों के आंतरिक – मूल्यांकन का मानक बदल जाएगा। – इसके लिए यूपी बोर्ड ने प्रारंभिक तौर पर एक प्रारूप (ड्राफ्ट) तैयार किया है। इसे विशेषज्ञों के परामर्श से अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके लिए इसी माह कार्यशाला भी होगी। उसके बाद परीक्षार्थियों के विषयवार आंतरिक मूल्यांकन के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी। उसी अनुरूप शिक्षकों को आंतरिक
मूल्यांकन करना होगा।
आंतरिक मूल्यांकन 30 अंक का होता है, जिसके अंक विषयों की बोर्ड की लिखित परीक्षा में जुड़ते हैं। वर्तमान में शिक्षक छात्र-छात्राओं से उनके विषय एवं प्रोजेक्ट वर्क से जुड़े कुछ प्रश्न पूछकर तथा छमाही
लिखित परीक्षा के अंकों के आधार
पर आंतरिक मूल्यांकन के अंक देते
हैं। इससे एक ही विद्यालय तक में अलग-अलग सेक्शन के छात्र- छात्राओं के आंतरिक मूल्यांकन के तरीके में एकरूपता नहीं रहती। इस कारण किसी को पूरे 30 अंक तक तो किसी को इकाई तक में ही अंक मिलते हैं। ऐसे में यूपी बोर्ड ने आंतरिक मूल्यांकन में एकरूपता का निर्णय लिया है। बोर्ड सचिव भगवती सिंह
लाने के निर्देशन में अपर सचिव (पाठ्यपुस्तक) सत्येंद्र सिंह ने शोध सहायकों के सहयोग से एक प्रारूप तैयार किया है। प्रारूप को बोर्ड अधिकारियों, विषय विशेषज्ञों, कुछ प्रधानाचार्यों एवं प्रवक्ताओं की 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में विमर्श के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा। कार्यशाला में यूपी बोर्ड के पूर्व सचिव पवनेश कुमार सीबीएसई बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली विशेष रूप से आएंगे।
अलग-अलग श्रेणी में परख कर दिए जाएंगे अंक
नए ड्राफ्ट में आंतरिक मूल्यांकन के 30 अंक को अलग-अलग श्रेणी के प्रश्नों के लिए बांटा गया है। उदाहरण के तौर पर मौखिक परीक्षा (वायवा) के लिए पूर्णांक पांच या कुछ और अंक तय किया गया है। इसी तरह प्रोजेक्ट कार्य का पूर्णांक भी पांच या कुछ और अंक है। कुछ पूर्णांक भाषा वाचन पर है तो कुछ पूर्णांक गणित के सूत्र व विज्ञान के नियम पर है। इन श्रेणियों में पूर्णांक ऐसे निर्धारित किए गए हैं कि सभी का पूर्णांक योग 30 है। इस तरह परीक्षक को हर श्रेणी के पूर्णांक के क्रम में आंतरिक मूल्यांकन के समय अंक प्रदान करना होगा।