मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ हमें जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी है। इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेशल सिस्टम (आईजीआरएस) में मिलने वाले आवेदन हों या सीएम हेल्पलाइन अथवा थाना, तहसील, विकास खंड में पहुंचने वाले शिकायतकर्ता, सबकी सुनवाई की जाए और 15 दिनों के अंदर उनका समाधान किया जाए।
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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीड़ित, परेशान व्यक्ति की मनोदशा को समझें, उसकी भावना का सम्मान करें और पूरी संवेदनशीलता के साथ समाधान किया जाए। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और उसका फीडबैक ही अधिकारियों के प्रदर्शन का मानक होगा। शासन से लेकर विकास खंड तक के अधिकारी मिशन मोड में जनसुनवाई को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए आमजन की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित कराएं।
ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी मुख्यमंत्री ने बुधवार को शासन स्तर के सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों के साथ जनशिकायतों के निस्तारण को लेकर विभागीय कार्यप्रणाली की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार के सभी लोक कल्याणकारी प्रयासों के मूल में आम आदमी की संतुष्टि और प्रदेश की उन्नति है। शासन-प्रशासन से जुड़े सभी अधिकारियों, कार्मिकों को इसे समझना चाहिए। आमजन की शिकायतों, समस्याओं के सहज समाधान के लिए जनसुनवाई समाधान प्रणाली अत्यंत उपयोगी माध्यम है। शासन में तैनात वरिष्ठ अधिकारी हों या फील्ड में नियुक्त अधिकारी, हर किसी की यह जिम्मेदारी है कि आवेदनों का त्वरित निस्तारण कराए।
संविदा कर्मचारियों का शोषण कतई न हो
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न कार्यों में तैनात आउटसोर्सिंग कार्मिकों ने उत्कृष्ट कार्य किया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी कार्मिकों का मानदेय समय पर मिले, पूरा मिले। किसी भी दशा में एक भी कर्मचारी का शोषण नहीं होना चाहिए।
बजट का समयबद्ध उपयोग सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि वित्तीय बजट में विभागों को आवंटित धनराशि का सही और समयबद्ध उपयोग सुनिश्चित करें। हर अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव अपने विभागीय योजनाओं की समीक्षा करते हुए समय से धनराशि आवंटन कराएं।