नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षण संस्थान पांच-पांच गांव गोद लेंगे

शिक्षा विभाग

छात्रों को किताबी ज्ञान से अलग व्यापक जन-जीवन से जुड़ी शिक्षा देने के लिए उच्च शिक्षा संस्थान, नॉलेज एक्सचेंज (ज्ञान विनिमय ) के तहत पांच गांवों को गोद लेंगे।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किए जा रहे उपायों के तहत छात्रों को सामाजिक सरोकार की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। साथ ही गांव के सामाजिक, आर्थिक विकास को भी सुनिश्चित किया जाएगा। यूजीसी ने देश मे गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए कई तरह की रूपरेखा तैयार की है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किए जा रहे उपायों के तहत छात्रों के जीवन कौशल से जुड़े पाठ्यक्रम को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसका मकसद स्नातक छात्रों में ऐसे गुणों को विकसित करना है, जो उनको सफलता दिलाने में सहायक हों। साथ ही छात्रों में स्वक्षमता, भावनात्मक योग्यता, बौद्धिक क्षमता, आत्मविश्वास, सामाजिक योग्यता, व्यावसायिक क्षमता जैसे गुण भी विकसित हों। जिससे छात्र विश्व स्तर पर मौजूद रोजगार के अवसरों को प्राप्त करने के लिए अपनी क्षमता विकसित कर सफलता प्राप्त कर सके। नई शिक्षा नीति के तहत हर संस्थान के सामाजिक व औद्योगिक जुड़ाव को बढ़ाने की रणनीति पर भी काम हो रहा है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों को सामाजिक व औद्योगिक रूप से रोजगारपरक शिक्षा से जोड़ना है। एक अधिकारी ने कहा कि इसका मकसद कम से कम दो तिहाई छात्रों को पढ़ाई के दौरान सामाजिक उत्पादकता से जुड़ी गतिविधियों से जोड़ने व औद्योगिक कामकाज की बेहतर समझ दिलाना है।
मूल्यांकन प्रणाली इस तरह से विकसित की गई है, जिसमे निरंतर मूल्यांकन के साथ सीखने को भी प्रेरित किया जा सके और उच्च शिक्षा ज्यादा अच्छे परिणाम देने वाली बन सके।