बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी माता-पिता दोनों की होती है, इसलिए विशेषज्ञों ने शिशु की देखभाल के तिए पितृत्व अवकाश बढ़ाने की सिफारिश की है। इससे माताओं पर बोझ कम हो सकेगा व दोनों मिलकर शिशु की बैहतर परवरिश कर सकेंगे।
इस समय केंद्र सरकार की नौकरी में 15 दिनों का पितृत्व अवकाश मिलता है जबकि निजी क्षेत्र में पितृत्व अवकाश के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है। 26 सप्ताह (छह महीने) के मातृत्व अवकाश का प्रविधान है। मातृत्व लाभ अधिनियम पर कानून समीक्षा परामर्श में विशेषज्ञों ने इसके साथ ही अधिक महिता श्रमिकों को रोजगार देने के लिए नियोक््ताओं को प्रोत्साहित करने की भी सिफारिश की। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने शनिवार को कहा कि इस बैठक का उद्देश्य महिलाओं को प्रभावित करने वाले कानून की समीक्षा और विश्लेषण करना और किसी भी कमी को दूर करने के लिए संशोधन की सिफारिश करना था। विशेषज्ञों द्वारा दिए गए कुछ महत्वपूर्ण सुझावों में पितृत्त अवकाश की अवधि को बढ़ाना शामिल है ताकि बच्चों की परवरिश का बोझ माता-पिता दोनों के बीच समान रूप से साझा किया जा सके।