ज्ञानपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों, कार्यकर्ताओं और योजनाओं की पोषण ट्रैकर एप से निगरानी की जाएगी। यही नहीं, नवजात बच्चों, गर्भवती महिलाओं के पोषण का लेखाजोखा एप पर रहेगा। जियो टैगिंग होने के कारण यह एप आंगनबाड़ी केंद्र के समीप जाने पर ही खुलेगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जिले में 1492 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इसमें ढाई हजार से अधिक आंगनबाड़ी और सहायिकाएं हैं। इनमें पांच वर्ष के एक लाख 68 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। गर्भवती महिलाओं, धात्री, नवजात सहित पांच साल तक के बच्चों को बेहतर पोषण के लिए तमाम सुविधाएं दी जाती हैं।
आरोप लगते रहे हैं कि आंगनबाड़ी, सहायिका, सुपरवाइजर और सीडीपीओ आपसी तालमेल से पोषाहार संग अन्य जरूरी सामान बाजारों में बेच देती थीं। अब शासन स्तर से पोषण ट्रैकर एप बनाया गया है। इस एप में हर महीने की रिपोर्टिंग करने के बाद ही सुविधाएं दी जाएंगी। यही नहीं, लाभार्थी की फोटो भी अपलोड करनी होती है।जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस मंजू वर्मा ने बताया कि सभी केंद्र जियो टैगिंग से जुड़ गए हैं। ऐसे में गड़बड़ी करने का कोई मौका नहीं रहेगा। अगर वह एप पर अपनी सूचनाएं नहीं भरेंगी तो दूसरे महीने लाभ नहीं मिल सकेगा।