दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में कार्यरत उनके समकक्षों से किसी भी हाल में कम वेतन नहीं मिलना चाहिए। उच्च न्यायालय ने मौजूदा कानून के प्रावधानों को ही विस्तार से परिभाषित करते हुए यह फैसला दिया। लेकिन, देश के अधिकांश, खासकर छोटे शहरों के निजी स्कूलों में शिक्षकों को न सिर्फ कम वेतन व भत्ते पर काम कराया जाता है, बल्कि उन्हें अन्य लाभों से वंचित रखा जाता है। बच्चों को शिक्षित करने वाले शिक्षकों को ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि उन्हें अपने अधिकारों के बारे में समुचित जानकारी नहीं है। ऐसे में हम यह बता रहे हैं कि निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के क्या-क्या अधिकार हैं।