सहायक अध्यापक की हत्या का हुआ बड़ा खुलासा, जानें किस तरह की गई थी हत्या

शिक्षा विभाग

चौरी थाना क्षेत्र के अमवां गांव निवासी परिषदीय स्कूल के सहायक अध्यापक अरविंद की हत्या के मामले का पुलिस ने 24 घंटे में ही पर्दाफाश करने का दावा किया है। सोमवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने पुलिस लाइन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस मामले का खुलासा किया। कहा कि आशनाई के चक्कर में अरविंद की हत्या हुई है। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसका साथ देने वाले दो अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। जल्द ही उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

एसपी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि अरविंद के परिवार वालों ने तहरीर देकर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। कहा था कि तीन अप्रैल की शाम को अरविंद घर से निकले थे। उसके बाद वापस नहीं लौटे। रात नौ बजे जब परिवार के लोगों ने मोबाइल फोन लगाया तो नहीं लगा। इसके बाद खोजबीन शुरू हो गई। काफी खोजने के बाद एक व्यक्ति के गेहूं के खेत में अरविंद का चप्पल और खून के छींट मिले। उसी आधार पर गांव के लोगों ने पास के तालाब में देखा तो वहां पत्थर से बंधा हुआ शव मिला। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अभिषेक धरकार निवासी अमवा खुर्द ने बताया कि हत्या के लिए एक ई-कामर्स कंपनी से ऑनलाइन मिर्च पाउउर का स्प्रे मंगवाया था। उसके बाद अरविंद को फोन करके बगीचे में बुलाया। वहां बातचीत के दौरान ही अरविंद के आंख पर स्प्रे मार दिया। इससे कुछ देर के लिए उन्हें दिखाई देना बंद कर दिया। इसी बीच अभिषेक ने अपने दो अन्य सहयोगियों विवेक पाल निवासी भुलईपुर व किशन यादव निवासी भुलईपुर के साथ मिलकर अरविंद की पीट पीटकर हत्या कर दी। उसके बाद शव को भी ठिकाने लगा दिया। उन्होंने इस मामले का पर्दाफाश करने वाले स्वॉट टीम प्रभारी विनोद दुबे, सर्विलांस प्रभारी बृजेश सिंह, थानाध्यक्ष चौरी बृजेश मौर्या सहित पूरी टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।