लापरवाही : उपस्थित को दर्शा दिया था अनुपस्थित, अब उत्तीर्ण

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अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा -2021 के संशोधित परिणाम ने इसमें हुई अंधेरगर्दी को बेपर्दा कर दिया है। सहायक अध्यापक के 1504 और प्रधानाध्यापक के 390 पदों पर भर्ती के लिए कराई इस परीक्षा में 132 अभ्यर्थियों को कम अंक दिया जाना तो फिल्म के ट्रेलर भर जैसा था, इसके आगे की कहानी तो छह सितंबर को संशोधित परिणाम घोषित किए जाने के बाद सामने आई है। पहले (15 नवंबर – 2021) घोषित किए गए परिणाम में सहायक अध्यापक पद पर ऐसे अभ्यर्थी को अनुपस्थित दर्शा दिया गया था, जो न सिर्फ परीक्षा में शामिल हुआ था, बल्कि उत्तीर्ण भी था। यह पर्दाफाश संशोधित परिणाम में उसके उत्तीर्ण घोषित होने पर हुआ। वह अब शिक्षक बनने की रेस में शामिल हो गया है।

17 अक्टूबर 2021 को कराई गई इस परीक्षा का परिणाम 15 नवंबर को घोषित किया गया था। तब 571 अभ्यर्थियों ने प्रत्यावेदन देकर शासन से शिकायत की थी, उन्हें कम अंक दिया गया है। साक्ष्य के तौर ओएमआर शीट की प्रति भी संलग्न की थी। शासन ने जांच कराई तो पाया कि 132 अभ्यर्थियों को कम अंक दिए गए हैं। यह गड़बड़ी सामने आने के बाद शासन के निर्देश पर उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने पूर्व घोषित परिणाम का पुनर्मूल्यांकन कराया। सहायक अध्यापक पद की परीक्षा में पूर्व घोषित परिणाम के मुताबिक 64,421 अभ्यर्थी अनुपस्थित थे। अब संशोधित परिणाम में यह संख्या एक घटकर 64,420 हो गई है।

यानी कि पहले अनुपस्थित दर्शाए गए अभ्यर्थी को अब उपस्थित माना गया है। इसी तरह प्रधानाध्यापक पद पर पूर्व घोषित परिणाम में 4,631 अभ्यर्थी अनुपस्थित थे। अब संशोधित परिणाम में 4,628 अनुपस्थित हो गए हैं। इस तरह तीन अनुपस्थित अब उपस्थित माने गए हैं। इसके अलावा विषय और सीरीज में को लेकर भी बड़े स्तर पर

गड़बड़ी हुई थी.

सहायक अध्यापक पद केलिए जिस एक परीक्षार्थी को पहले अनुपस्थित दर्शाया गया था, वह उपस्थिति शीट से मिलान करने पर उपस्थित था । पूर्व में यह मिलान नहीं किए जाने से गड़बड़ी हुई थी। जारी किए संशोधित परिणाम में वह अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित हुआ है।
– अनिल भूषण चतुर्वेदी, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी, उत्तर प्रदेश