यूपी बोर्ड की 2023 में होने वाली हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए स्कूलों को केंद्र बनाने में अब पुलिस अफसरों की भूमिका भी होगी। केंद्र निर्धारण के लिए गठित होने वाली जिला स्तरीय समिति के छह सदस्यों में अब पुलिस अफसर को भी शामिल कर लिया गया है। समिति डीएम की अध्यक्षता में गठित की जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक या फिर पुलिस कमिश्नर की ओर से नामित पुलिस अधिकारी को समिति में बतौर सदस्य शामिल किया जाएगा।
जिला विद्यालय निरीक्षक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारी और तहसीलों में तैनात एसडीएम के साथ ही जिले के दो वरिष्ठ प्रधानाचार्य समिति के सदस्य होंगे। विशेष सचिव डॉ. वेदपति मिश्र की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक एवं यूपी बोर्ड के सभापति तथा यूपी बोर्ड के सचिव को भेजी गई केंद्र निर्धारण नीति में बोर्ड परीक्षा केंद्र के निर्धारण के लिए गठित की जाने वाली जिला स्तरीय समिति का स्वरूप दिया गया है। हालांकि शासनादेश में पुलिस अफसर की भूमिका का जिक्र नहीं किया गया है पर माना जा रहा है कि पुलिस अफसर को इसलिए शामिल किया गया है ताकि उन स्कूलों के बारे में सही जानकारी मिल सके, जो पूर्व में दागी रहे हैं.
यदि वित्तविहीन स्कूलों के कमरों की खिड़की सार्वजनिक सड़क या संकरी गली में खुलेगी तो उसे परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। राजकीय व एडेड स्कूलों केा इससे छूट दी जाएगी। वहीं प्रति छात्र 20 वर्गफुट का स्थान आवंटित किया जाएगा। एक स्कूल में एक से अधिक स्कूलों के छात्रों का परीक्षा केन्द्र बनाया जा सकेगा। स्कूलों की संदिग्ध छवि या प्रतिकूल तथ्य संज्ञान में आने पर एलआईयूी से रिपोर्ट ली जाएगी।
यूपी बोर्ड 2023 के लिए जारी परीक्षा केन्द्र नीति में पहुंच मोबाइल एप के माध्यम से स्कूलों की भौगिलिक स्थिति और मूलभूत संसाधनों की जानकारी जिला विद्यालय निरीक्षक और फिर जिलाधिकारी की टीम करेगी। हमेशा की तरह इस बार भी बोर्ड परीक्षा वायस रिकार्डर व सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में ही होगी। सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा, राउटर और ऐसा डीवीआर लगाएं जिसमें कम से कम 30 दिनों तक की रिकार्डिंग रहे।
मानकों के मुताबिक परीक्षा केन्द्रों की सूची तैयार की जाएगी। इसमें नीचे रहने वाले स्कूलों के बच्चों के लिए राजकीय इंटर कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। 24 दिसंबर को परीक्षा केन्द्रों की सूची सार्वजनिक करते हुए यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। सभी जिलों में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। एक कंप्यूटर से न्यूनतम 10 व अधिकतम 16 परीक्षा केंद्रों की निगरानी होगी। राजकीय इंटर कॉलेजों के शिक्षकों की ड्यूटी कंट्रोल रूम में लगाई जाएगी। वहीं लखनऊ में एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।
हमेशा की तरह इस बार भी की गई ये व्यवस्था
● परीक्षा कक्ष में दो कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था
● केन्द्र व्यवस्थापक कक्ष निरीक्षक व अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी सॉफ्टवेयर के माध्यम से
● ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों का वेतन कटेगा
● बालिकाओं को स्वकेन्द्र की सुविधा, यदि यह सुविधा न दी जा सके तो यथासंभव 5 किमी के परिधि के अंदर केन्द्र बनाया जाएगा।
● 40 फीसदी की दिव्यांगता वाले विद्यार्थियों को स्वकेन्द्र की सुविधा, यदि संभव नहीं तो 5 किमी के अंदर केन्द्र आवंटित होगा
● बालकों को 10 किमी की परिधि में केन्द्र आवंटित होगा, अपरिहार्य स्थितियों में 15 किमी के अंदर भी केन्द्र बनेगा
● दोनों पालियों में आवंटित विद्यार्थियों की संख्या न्यूनतम 250, अधिकतम 1200