केंद्र सरकार ने गरीबों और पूर्व सैनिकों को नए साल का तोहफा दिया है। सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबों को मुफ्त अनाज देने की घोषणा की। इसके अलावा, 25.13 लाख भूतपूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक, वन पेंशन योजना (ओआरओपी) में बदलावों को मंजूरी प्रदान की। योजना एक जुलाई 2019 से लागू होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि केंद्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत भी लाभार्थियों को चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलो, गेंहू 2 रुपये प्रति किलो और मोटे अनाज के लिए 1 रुपये प्रति किलो देना पड़ता था। लेकिन अब गरीबों को खाद्य सुरक्षा पूरी तरह मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी। योजना के तहत 5 किलो अनाज जिन लोगों को मिल रहा था और अंत्योदय योजना के तहत जो लोग 35 किलो अनाज के हकदार थे, वे सब इसमें समाहित होंगे।
गोयल ने कहा कि दिसंबर, 2023 तक अनाज दिया जाएगा। इस सब्सिडी पर दो लाख करोड़ का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। अब 81.35 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मुफ्त अनाज दिया जाएगा। ओआरओपी के संबंध में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि योजना को लागू करने की घोषणा मोदी सरकार ने 7 नवंबर 2015 को की थी। एक जुलाई 2014 से 20,60,220 भूतपूर्व सैनिकों को ओआरओपी के दायरे में लाया गया था। नई व्यवस्था लागू होने से 25.13 लाख पूर्व सैनिकों को लाभ होगा, जिनमें करीब 4.50 लाख सेवानिवृत्त नए सैनिक जुड़े हैं। ओआरओपी योजना में बदलावों से प्रतिवर्ष 8540 करोड़ का अतिरिक्त भार सरकारी खजाने पर पड़ेगा।
सरकार ने 28 माह तक उपलब्ध कराया राशन
पीयूष गोयल ने बताया कि 28 महीने तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को पांच किलो राशन का इंतजाम किया गया, जिससे किसी को भूखा नहीं सोना पड़े। अब ऐतिहासिक फैसले में मुफ्त अनाज का ऐलान किया गया है। कोराना के बाद गरीबों के लिए अप्रैल 2020 में यह योजना शुरू की गई थी। इस योजना की समय सीमा 31 दिसंबर को खत्म हो रही है।