अलीगढ़ : सरकारी महकमे की फाइलों में कागजों और उपेक्षाओं के बोझ से अकसर आम लोगों की उम्मीदें दब जाती हैं। मगर बेसिक शिक्षा विभाग का एक ऐसा मामला सामने आया है, जब एक शासनादेश छह महीने से इंसाफ के लिए फाइलों में घुटन से दम तोड़ रहा है।
विभाग के ही शिक्षक मोहम्मद अहमद ने बीएसए के खिलाफ महानिदेशक स्कूल शिक्षा से शिकायत की थी। महानिदेशक ने अगस्त 2022 को बीएसए पर लगे आरोपों की जांच कर संयुक्त शिक्षा निदेशक से जांच आख्या मांगी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जूनियर हाईस्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ अलीगढ़ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद अहमद ने बीएसए के खिलाफ महानिदेशक को साक्ष्य के साथ 18 जुलाई 2022 को शिकायत की थी। महानिदेशक ने 31 अगस्त को जांच के लिए मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व संयुक्त शिक्षा निदेशक अलीगढ़ मंडल अलीगढ़ को सौंपी थी। इसके बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक ने 11 नवंबर 2022 को पत्र जारी करके साक्ष्य के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए
13 नवंबर 2022 को शिक्षक संघ की ओर से 13 बिंदुओं पर 117 पेज बतौर साक्ष्य उपलब्ध कराए गए, लेकिन अभी तक जांच प्रकरण को निस्तारित नहीं किया गया। मोहम्मद अहमद ने कहा कि बिना जांच के शिक्षक को निलंबित कर दिया जाता है। लंबे समय तक प्रकरण को जानबूझकर लंबित रखा जाता है। इस संबंध में बीएसए सतेंद्र कुमार ने कहा कि जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह बुनियाद हैं।
ये लगे आरोप
शिक्षक मोहम्मद अहमद ने बीएसए पर भ्रष्टाचार के तहत दूरस्थ विद्यालय से नजदीकी विद्यालय में पदस्थापन कर सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए एचआरए के रूप में अधिक धनराशि का व्यय करना, ग्रामीण भत्ता वाले स्कूलों के शिक्षकों को वित्तीय अनियमितता करते हुए एचआरए के रूप में अधिक वेतन आहरित करना, न्यूनतम निलंबन बहाली पर दोषी शिक्षकों को अपने ही हस्ताक्षर से दोषमुक्त कर देना सहित अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं।