निकट भविष्य में सरकारी स्कूलों का शिक्षण कार्य भले पेपर लेस न हो सके लेकिन अन्य दफ्तरी कामकाज पेपर-लेस अवश्य हो जाएंगे। यानि स्कूलों में हाजिरी, हिसाब, सामाग्रियों समेत अन्य कामों का लेखाजोखा रखने के लिए बने रजिस्टरों के पहाड़ नजर नहीं आएंगे। इन सभी का लेखाजोखा डिजिटलाइज्ड या ऑनलाइन हो जाएगा। ऐसे में खासकर शिक्षकों को मैनुअली रजिस्टर नहीं भरना होगा. बल्कि मोबाइल पर ही उनके ये सारे काम हो जाएंगे।
दरअसल, राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा उप्र द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर डिजिटल रजिस्टर्स नाम से नए मॉड्यूल का विकास किया जा रहा है। इस मॉड्यूल के आधार पर डिजिटल रजिस्टर्स के उपयोग के संबंध में शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ये शिक्षक स्मार्ट तरीके से विद्यालय से जुड़े रोजमर्रा के काम को डिजिटली अपडेट कर पाएंगे। प्रशिक्षण के बाबत भी जल्द ही नियमावली जारी की जाएगी।
प्रशिक्षण के बाद प्राथमिक विद्यालयों में मैनुअल रजिस्टर
के बजाए अब शिक्षक डिजिटल रजिस्टर का उपयोग करेंगे। इसके लिए सरकार की ओर 12 रजिस्टर्स को डिजिटल करने का निर्देश दिया गया है। आगे चलकर इन पर ऑनलाइन रियल टाइम अपडेशन भी किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डॉ. पवन कुमार ने उप शिक्षा निदेशक और सभी जिलों के जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य को टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालय रजिस्टर्स के डिजिटलाइजेशन और शिक्षकों के प्रशिक्षण के संबंध में पत्र जारी करके सूचित कर दिया है।
शिक्षकों के समय की होगी बचत विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ शिक्षकों को दिन भर की तमाम गतिविधियों के लिए कई सारे रजिस्टर पर भी काम करना होता है। इसमें शिक्षकों का काफी समय चला जाता है। सरकार का प्रयास है कि शिक्षक इस समय का सदुपयोग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में करें। इसीलिए डिजिटल रजिस्टर के कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है.
इन रजिस्टरों को किया जाएगा डिजीटल
जिन रजिस्टरों को डिजिटल किया जाना है, उनमें उपस्थिति रजिस्टर, प्रवेश रजिस्टर, कक्षावार छात्र उपस्थिति रजिस्टर, एमडीएम रजिस्टर, समेकित निशुल्क सामग्री वितरण रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर शामिल हैं। इसके अलावा आय व्यय व चेक जारी करने वाला रजिस्टर, बैठक रजिस्टर, निरीक्षण रजिस्टर, पत्र व्यवहार रजिस्टर, बाल गणना रजिस्टर, पुस्तकालय व खेलकूद रजिस्टर को भी डिजिटलाइज किया जाएगा।
‘रजिस्टर के डिजिटल होने के बाद किसी भी तरह के कागजी रजिस्टर का प्रयोग विद्यालय या अन्य स्तर पर नहीं किया जाएगा। डिजिटल रजिस्टर में दर्ज सूचनाएं ही प्रामाणिक मानी जाएंगी। इससे पारदर्शित आएगी और डाटा में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी।
– दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव