अमरोहा। गजरौला ब्लाॅक के चौहड़पुर माफी में प्रधान अध्यापक को निलंबित किए जाने से जनपद के शिक्षक संगठनों में रोष व्याप्त है। शिक्षकों का आरोप है कि बिना तथ्यों के आधार पर शिक्षक के निलंबन की कार्रवाई की है, जाेकि बीएसए के तानाशाही रवैये को दर्शाता है। उन्होंने शिक्षक को दो दिन में बहाल करने की मांग की है।
15 सितंबर को कक्षा एक से तीन तक के विद्यार्थियों के लिए निपुण एसेसमेंट टेस्ट का आयोजन किया गया था। 15 सितंबर को कक्षा एक से तीन तक के बच्चों का टेस्ट होना था। लेकिन प्राथमिक विद्यालय चौहड़पुर माफी में कक्षा पांच के प्रश्नपत्र भी खोल दिए गए। बीएसए के निरीक्षण के दौरान जब इस बात का खुलासा हुआ तो प्रधान अध्यापक विपिन कुमार को निलंबित कर दिया गया। शिक्षक पर हुई निलंबन की कार्रवाई से शिक्षकों में कड़ा आक्रोश है। शिक्षकों का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी गजरौला एवं परीक्षा केंद्र पर लगाए गए कार्मिकों की गलती के कारण एक ही लिफाफे में कक्षा एक से पांच तक प्रश्नपत्र बिना सील लगाए भेजे गए। जोकि शिक्षा महानिदेशक द्वारा जारी नियमावली का भी उल्लंघन है।
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विकास चौहान ने कहा कि बीएसए की गतिविधि शिक्षकों के प्रति ठीक नहीं है। इसके अलावा उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने उच्चाधिकारियों को ज्ञापन भेजते हुए शिक्षक के निलंबन को वापस लेने की मांग की। कहा कि दो दिन में सुनवाई नहीं हुई तो शिक्षक बीएसए कार्यालय पर धरना देंगे। इस अवसर पर अमरपाल, सुनील, विपिन, सुनील, गौरव, गुरजीत सिंह, जागेश कुमार आदि मौजूद रहे।