अचानक स्कूल में टीचर बनकर पहुंची योगी की मंत्री, जानिए फिर क्या हुआ?

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यूपी के हरदोई में पहुंची उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी बन बैठीं स्कूली बच्चों की शिक्षिका। स्कूल भ्रमण के दौरान उन्होंने बच्चों से सवाल पूछे तो बच्चों ने भी तुरंत जवाब दिए।अचानक स्कूल में अधिकारियों और मंत्री को देख बच्चे खुश हो गए, तभी मंत्री ने भी चॉक ले ली और बच्चों को बोर्ड पर सवाल समझाने लगे। इससे न सिर्फ बच्चे खुश हुए बल्कि अभिभावक भी यह नजारा देखने स्कूल पहुंचे। बच्चों ने मंत्री के साथ लगन से पढ़ाई की। मंत्री रजनी तिवारी ने बच्चों से सवाल पूछे, कविताएं सुनीं और उनकी बुद्धिमता भी परखी, जिससे वह संतुष्ट हुईं। साथ ही, शिक्षकों को बच्चों में किताबी, व्यावहारिक और सामान्य ज्ञान देने का काम सौंपा गया। मैं स्वच्छता और बेहतर वातावरण की भी सराहना करता हूं।

मंत्री रजनी तिवारी बनी शिक्षक

उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी कुछ समय के लिए स्कूल की शिक्षक बन गई। परिषदीय विद्यालय में निरीक्षण के दौरान मंत्री ने स्वय चॉक का एक टुकड़ा लिया और बच्चों को बोर्ड पर लिखे प्रश्नों को समझाना शुरू कर दिया। बच्चे भी मंत्री के साथ मन लगाकर पढ़ाई करते थे। उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जब अचानक हल्दोई के एक स्कूल में पहुंचे तो बच्चे ही नहीं शिक्षक भी हैरान रह गए। इतने सारे लोगों के बीच बच्चे यह नहीं समझ पाए कि यह व्यक्ति कौन है।

अचानक निरीक्षण के लिए पहुंची मंत्री

हम बात कर रहे हैं हरदोई के जटपुर स्कूल की, जहां उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी अचानक निरीक्षण के लिए पहुंच गईं। दरअसल, मंत्री रजनी तिवारी जन चौपाल के कार्यक्रम में आई थीं। चौपाल खत्म करने के बाद वह निरीक्षण के लिए स्कूल पहुंचीं। पुजारी बच्चों के साथ एक शिक्षक की तरह व्यवहार करते थे। जब वह क्लास में आईं और चॉक लेकर बच्चों को बोर्ड पर लिखे सवालों को समझाने लगीं तो बच्चे भी खुश हो गए और उनके सवालों को समझने लगे।

मंत्री ने की छोटे बच्चों से बातचीत

जन चौपाल कार्यक्रम में जनता से सीधा संवाद और जनता की समस्याएं सुनने के बाद राज्य मंत्री ने जटपुर इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल का औचक निरीक्षण किया और छोटे बच्चों से बातचीत की और शिक्षा के स्तर के बारे में जानकारी ली। मंत्री बच्चों को ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाने से खुद को नहीं रोक सके। उन्होंने कुछ बच्चों को बोर्ड में बुलाकर सवाल पूछे और कुछ बच्चों को किताबें भी पढ़कर सुनाईं और उनका ज्ञान परखा। बच्चों ने पूछे गए सभी प्रश्नों को बहुत ही आसानी से हल किया।