बिहार : होली में शिक्षकों को स्कूल बुलाए जाने पर भाजपा विधान पार्षद प्रो नवल किशोर यादव ने नीतीश सरकार व शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की है। बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के बाद होली पर शिक्षकों की छुट्टी को रद्द कर दिया गया है। रविवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत में भाजपा नेता ने कहा कि शिक्षकों को गुलाम समझने की भूल न करें। शिक्षकों ने इस बार के चुनाव में अगर अपनी मर्जी चला दी तो सबों को पता चल जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षक को गुलाम समझते हैं क्या। शिक्षक विद्रोही होता है। जो गुलाम हो गया वह शिक्षक नहीं। शिक्षक जानता है कि फल का टेस्ट सीजन में ही किया जाता है। शिक्षक सीजन को भी जानता है और टेस्ट को भी जानता है, विद्रोह करना भी जानता है और लड़ना भी जानता है।
बीजेपी एमएलसी ने सीधा आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग में घोटाला हो रहा है। उससे ध्यान हटाने के लिए यह सब काम हो रहा है। सरकार को चुनौती देता हूं कि वह जांच कराए तो सब पता चल जाएगा। नवल किशोर यादव ने सवाल किया कि क्या शिक्षक का बाल बच्चा नहीं है जो होली में ट्रेनिंग पर बुला लिए हैं। शिक्षक उन अधिकारियों की तरह नहीं हैं जिनका कोई बेटा-बेटी नहीं है। स्कूलों में पढ़ाई की बात नहीं ट्रेनिंग की बात होती है। कभी खाना खिलाने की बात होती है। अगर स्कूलों में सब कुछ सुधर गया तो सरकारी अधिकारी अपने बच्चों को क्यों नहीं पढ़ा रहे हैं।
भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ निखिल आनंद ने कहा है कि शिक्षा विभाग में बैठे कई पदाधिकारी एनडीए सरकार की भावना और जनभावना के खिलाफ काम कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सरकार को अविलंब सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। रविवार को जारी बयान में भाजपा नेता ने कहा कि शिक्षा विभाग ने बिहार के स्कूली शिक्षकों को होली की छुट्टी में काम पर रहने और ट्रेनिंग पर जाने का फरमान दिया है। यह आपत्तिजनक है। होली में जबरन ट्रेनिंग पर भेजे जा रहे सभी शिक्षक मुसलमान हैं क्या? इन शिक्षकों के घर पर क्या होली नहीं मनाई जाएगी? शिक्षकों को परिवार- समाज के साथ त्योहार मनाने का अधिकार नहीं है? शिक्षा विभाग क्या ईद-बकरीद पर मुसलमान शिक्षकों को ट्रेनिंग पर भेजता है। सरकार को इसका ख्याल रखना चाहिए।