लखनऊ: परिषदीय स्कूलों में कक्षा तीन से छह तक के विद्यार्थियों को भाषा व गणित में दक्ष बनाने के लिए निपुण भारत मिशन चलाया जा रहा है। प्रदेश में कुल 1.34 लाख परिषदीय स्कूल हैं और इन सभी को निपुण विद्यालय बनाया जाना है। केंद्र ने सभी स्कूलों को वर्ष 2026-27 तक निपुण बनाने का लक्ष्य दिया है। ऐसे में उत्तर
प्रदेश ने इसे पूरा करने के लिए कमर कस ली है। अगले वर्ष तक 80 प्रतिशत विद्यालयों को निपुण विद्यालय बनाने पर जोर दिया जा रहा है। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा
कंचन वर्मा की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि परिषदीय स्कूलों में निपुण मूल्यांकन टेस्ट इस वर्ष अक्टूबर व दिसंबर और फरवरी 2025 में किया जाएगा। अभी विद्यालयों में छात्रों की 60% तक औसत उपस्थिति रहती है और अब इसे बढ़ाकर 75 प्रतिशत तक किया जाएगा। डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) के प्रशिक्षुओं के माध्यम से विद्यार्थियों
का मूल्यांकन किया जा रहा है। जिन 80% स्कूलों को अगले वर्ष तक निपुण बनाया जाना है उन्हें तीन वर्गों में बांटकर मूल्यांकन किया जाएगा। बाकी 20% स्कूल 2026 तक निपुण बनाए जाएंगे। शिक्षकों को कमजोर विद्यार्थियों को अलग से कक्षाएं भाषा व गणित का ज्ञान देने के निर्देश दिए गए हैं। विद्यालय संकुल स्तर पर इसकी निगरानी भी की जा रही है।