विवाह में कितने उपहार मिले बताने पर ही बनेगा मैरिज सर्टिफिकेट

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लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार ने मैरिज सर्टिफिकेट को लेकर नियमों में बदलाव किया है। प्रदेश में अब शादी का प्रमाणपत्र बनवाते समय वर-वधू को मिले उपहार का विवरण भी देना होगा। सरकार की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। शादी प्रमाणपत्र के नए नियमों के तहत वर-वधू पक्ष को शादी का कार्ड, आधार कार्ड, हाईस्कूल का अंकपत्र और गवाहों के दस्तावेज की पूर्व की व्यवस्था के साथ ही शादी में मिले उपहार के विवरण का शपथ पत्र देना होगा।

अपर महानिरीक्षक निबंधन मनीन्द्र कुमार सक्सेना ने इस संबंध में सभी सहायक महानिरीक्षकों को बीती 17 मई को आदेश जारी किया है। प्रेषित आदेश में उच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला देते हुए कड़ाई से इसका अनुपालन सुनिश्चित किए जाने की अपेक्षा की गई है। इसे तुरंत लागू करने के लिए कहा है।

हाई कोर्ट ने उपहारों की सूची बनाने का दिया था सुझाव

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले दिनों अपने आदेश में कहा था कि नियमानुसार दहेज और उपहारों में अंतर है। वर-वधू को मिलने वाले उपहारों को दहेज में नहीं शामिल किया जा सकता। अच्छी स्थिति यह होगी कि मौके पर मिली सभी चीजों की सूची बनाई जाए। कानून की धारा तीन में दहेज लेना-देना दोनों दंडनीय अपराध घोषित किया गया है। उपधारा दो में शादी में मिले उपहारों की सूची बनाने की व्यवस्था है, ताकि दहेज में मिले सामान का सत्यापन किया जा सके। इससे फर्जी दहेज केसों पर नियंत्रण लग सकेगा।