लखनऊ। प्रदेश में कई वर्षों से एक ही जगह जमे सरकारी कर्मियों के तबादले तीस जून तक किए जाएंगे। जिले में तीन साल और मंडल में सात साल पूरे कर चुके कार्मिक तबादले के दायरे में आएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में स्थानांतरण नीति 2024-25 को मंजूरी दे दी गई है। नई नीति में स्पष्ट है कि जो कार्मिक अपेक्षाकृत अधिक वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात होगा, स्थानांतरण के लिए तैयार होने वाली सूची में उसका नाम उतना ही ऊपर होगा। बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी ने नई नीति की जानकारी दी। उन्होंने बताया, समूह क और ख के अधिकारी, जो अपने सेवाकाल से जुड़े जिले में तीन साल पूरे कर चुके हैं, उन्हें उस जिले से बाहर स्थानांतरित करने की व्यवस्था है। वहीं, मंडल में सात वर्ष पूरे कर चुके समूह क और ख के अफसरों को उस मंडल से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा। विभागाध्यक्ष व मंडलीय कार्यालयों में की गई तैनाती अवधि को स्थानांतरण के लिए इस निर्धारित अवधि में नहीं गिना जाएगा। मंडलीय कार्यालयों में तैनाती की अधिकतम अवधि तीन वर्ष की होगी। समूह क और ख के तबादले संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग एवं घ के कार्मिकों के स्थानांतरण संवर्गवार कुल कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 फीसदी तक किए जा सकेंगे। समूह ग के लिए पटल परिवर्तन व क्षेत्र परिवर्तन के संबंध में 13 मई,
2022 के शासनादेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा। समूह ख और ग के कार्मिकों के स्थानांतरण यथासंभव मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर होंगे। केंद्र सरकार की ओर से घोषित प्रदेश के 100 आकांक्षी विकासखंड जिन जिलों में हैं, उनमें सभी पदों पर तैनाती होगी।
तय सीमा से अधिक तबादले, तो अनुमति जरूरी
समूह ग और घ के मामले में अगर कार्मिकों की कुल संख्या के
10 फीसदी से ऊपर स्थानांतरण करने हैं, तो इसके एके लिए विभाग के मंत्री की अनुमति जरूरी होगी। मंत्री अधिकतम 20 प्रतिशत तक ट्रांसफर की अनुमति दे सकेंगे। वहीं, यदि समूह क और ख में 20 फीसदी से अधिक तबादले करने की जरूरत होगी, तो मुख्यमंत्री की अनुमति अनिवार्य होगी। तबादला सत्र के बाद अब समूह क के साथ ही समूह ख के तबादले मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन लेकर किए जा सकेंगे।
30 जून तक किए जाएंगे कर्मचारियों के तबादले
■ पिक एंड चूज की गुंजाइश खत्म, जो जितना पुराना, उतना ऊपर होगा स्थानांतरण सूची में
दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को मिलेगी यह सुविधा
मानसिक-शारीरिक दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प लेकर ऐसे स्थान पर करने की व्यवस्था है, जहां उनकी उचित देखभाल व इलाज की समुचित व्यवस्था हो।