69000 शिक्षक भर्ती में नौकरी पाने और बचाने की लड़ाई का अखाड़ा बना यूपी में, दोतरफा मोर्चेबंदी

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69000 शिक्षक भर्ती में नौकरी पाने और बचाने की लड़ाई का अखाड़ा बना यूपी में, दोतरफा मोर्चेबंदी

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के 69000 पदों पर चार साल पहले हुई बहाली में आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नए सिरे से मेरिट लिस्ट बनाकर भर्ती करने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद से लखनऊ दोतरफा मोर्चेबंदी का अखाड़ा बन गया है। उच्च न्यायालय के फैसले के बाद से ही वे लोग आदेश लागू करने की मांग कर रहे हैं जिन्हें इस पर अमल से नौकरी मिल सकती है। अब वे लोग भी मैदान में उतर आए हैं जिनकी नौकरी नई मेधा सूची बनने से जा सकती है या उनकी चार साल नौकरी करने से हासिल वरीयता खत्म हो सकती है। इनकी मांग है कि राज्य सरकार फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करे।

बेसिक शिक्षा निदेशालय के लखनऊ मुख्यालय पर दोनों तरह के लोगों का धरना चल रहा है। आरक्षित श्रेणी के कैंडिडेट हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में भर्ती का कार्यक्रम घोषित करने की मांग कर रहे हैं जिससे वंचित एससी और ओबीसी अभ्यर्थियों को नौकरी मिल सके। दूसरी तरफ सामान्य वर्ग के कैंडिडेट जो नौकरी कर रहे हैं, वो मेरिट लिस्ट में किसी बदलाव का विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देकर उनकी नौकरी बचाए।