विद्यालयों की बगिया में आज फिर से मुस्कुराएंगे ‘नन्हे फूल’- स्कूलों को कोरोना को लेकर जारी दिशा-निर्देशों को भी रखना होगा ध्यान

शिक्षा विभाग

लखनऊ : कोरोना की तीसरी लहर और और ठंड में कमी के बीच नर्सरी से कक्षा आठ तक के स्कूल भी सोमवार से खुल जाएंगे। नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं सात फरवरी से ही आफलाइन माध्यम से संचालित की जा रही हैं। कोरोना को देखते हुए चार जनवरी से स्कूल बंद कर दिए गए थे। इसे लेकर स्कूलों ने तैयारी पूरी कर ली है।

शासन द्वारा सात फरवरी से कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक के सभी माध्यमिक स्कूलों, विश्वविद्यालयों और डिग्री कालेजों को खोलने का आदेश जारी किया गया था। अभी तक आनलाइन कक्षाएं चल रही थीं, लेकिन अब कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए भौतिक रूप से सभी कक्षाएं चलेंगी। सोमवार की तैयारी के लिए रविवार को भी स्कूल खोले गए। इस दौरान बच्चों के बैठने की व्यवस्था को दुरुस्त किया गया। साथ ही गेट पर सैनिटाइजर आदि के इंतजाम सुनिश्चित किए गए।
बंदी के लिए कब-कब जारी हुए आदेश: कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत होते ही शासन स्तर पर स्कूल और कालेज बंद रखने के निर्देश जारी कर दिए गए थे। इसके तहत सबसे पहले 15 जनवरी तक स्कूल बंद करने के आदेश जारी हुए थे। इसके बाद 16 जनवरी से 23 जनवरी, फिर 24 से 30 जनवरी तक बंदी के आदेश जारी हुए। इसके बाद छह फरवरी तक सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिए गया। सात फरवरी से कक्षा नौ से 12 तक की कक्षाएं संचालित करने का आदेश दिया गया।
डीआइओएस डा. अमरकांत सिंह और बीएसए विजय प्रताप सिंह का कहना है कि शासन स्तर पर लिए गए निर्णय का सभी स्कूलों को पालन करना है। स्कूलों को कोरोना को लेकर जारी दिशा-निर्देशों को भी ध्यान में रखना होगा। एसोसिएशन आफ प्राइवेट स्कूल के अध्यक्ष अतुल श्रीवास्तव बताते हैं कि सभी निजी स्कूलों में कोविड प्रोटोकाल का ध्यान रखते हुए व्यवस्था की गई है। शारीरिक दूरी के अनुसार बैठने की व्यवस्था की गई है। अभिभावक संघ के पीके श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना के मामले नियंत्रण में हैं। बच्चों की पढ़ाई का भी पहले से ही काफी नुकसान हो चुका है। ऐसे में सोमवार से छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोले जाने का शासन का यह फैसला उचित है।
अवध कालिजिएट में क्लास में सैनिटाइजेशन करता कर्मचारी ’ सौजन्य : स्कूल प्रबंधन
स्कूलों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई का हो चुका काफी नुकसान
लखनऊ में सभी बोर्डो के निजी स्कूलों की संख्या एक हजार से अधिक है। वहीं, सरकारी स्कूलों की संख्या 400 से ज्यादा है। स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक इनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या पांच लाख से अधिक है। स्कूल खुलने को लेकर अभिभावकों की ओर से भी सहमति जाहिर की गई है। अभिभावकों का कहना है कि ऐसे समय में जब कोरोना का प्रभाव समाप्त हो रहा है, स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ खोला जाना सरकार का सराहनीय कदम है। बच्चों की पढ़ाई का पहले ही काफी नुकसान हो चुका है।
सुरक्षा सवरेपरि, स्कूल में बिना मास्क नहीं मिलेगा प्रवेश
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि सुरक्षा के लिए कोविड हेल्प डेस्क भी बनाए गए हैं। स्कूल परिसर में मास्क पहने बिना किसी को भी प्रवेश न दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी बच्चों की सुरक्षा हमारे लिए सवरेपरि है।

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