संकट : प्राइमरी स्कूलों में दाखिले की उम्र बढ़ाने से घटे बच्चे

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एक अप्रैल को 6 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले बच्चों का ही कक्षा एक में प्रवेश

लखनऊ, प्राइमरी स्कूलों में दाखिले की उम्र बढ़ाने से छात्र-छात्राओं की संख्या कम हो गई। एक अप्रैल को छह वर्ष की उम्र पूरी करने वाले बच्चों का ही कक्षा-एक में दाखिले के आदेश से बीते साल के मुकाबले 50 फीसदी बच्चे घटे हैं।

बच्चों की संख्या लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में घट गई है। कुछ स्कूलों ने छह साल के भीतर वाले बच्चों के दाखिले ले लिये हैं। अब उनके दाखिले फंस गए हैं। बेसिक शिक्षक विभाग के स्कूल चलो अभियान के तहत बच्चों के नामांकन बढ़ाने के सारे जतन असफल साबित हो रहे हैं। शिक्षक घर-घर बच्चे खोज रहे हैं, छह साल वाले बच्चे नहीं मिल रहे हैं। अभिभावकों ने दाखिले निजी स्कूलों में करा दिये हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने नौ अप्रैल को आदेश में निर्देश दिये कि कक्षा-एक में दाखिले के लिए उम्र एक अप्रैल को छह वर्ष होनी चाहिए।

निजी स्कूलों में मां बाप ने कराए बच्चों के दाखिले

प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के दाखिले न होने पर अभिभावकों ने निजी स्कूलों में दाखिला करा दिया है। कोई भी अभिभावक बच्चे को घर में नहीं बैठाना चाहता है। कई निजी स्कूल दो बच्चों के दाखिले पर एक बच्चे की फीस माफ कर दी है। ऐसे में शिक्षकों के सामने नामांकन बढ़ाने का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल है।

साल भर में स्कूलों में घट गए 25 हजार बच्चे

लखनऊ में 1619 प्राइमरी स्कूलों में बीते वर्ष बच्चों की संख्या दो लाख के ऊपर थी। इस साल घटकर दो लाख के भीतर आ गई है। 16 अप्रैल तक नामांकित बच्चों की संख्या औसतन एक लाख 75 हजार है। बीते साल की तुलना में 25 हजार कम हो गई है। सबसे ज्यादा बच्चे कक्षा एक में घटे हैं।